देश में खेल को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग स्तर पर कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे होनहार खिलाड़ियों को वैश्विक मंच मिल सके. ऐसी ही तीरंदाजी (Archery) की एक उभरता सितारा हैं ज्योति सुरेखा। ज्योति सुरेखा ने बेहद कम समय में अपनी एक नई पहचान बनाई है. वे अगले महीने होने वाले तीरंदाजी (Archery) विश्व कप में कंपाउंड टीम का हिस्सा हैं और इस समय ज्योति सोनीपत में ट्रेनिंग कर रही हैं.
ज्योति ने बनाया नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड
ज्योति को अप्रैल से शुरू हो रहे तीरंदाजी (Archery) विश्व कप के लिए मिश्रित महिला वर्ग में भारतीय टीम में चुना गया है. उन्होंने रैंकिंग राउंड में 720 में से 710 का स्कोर करके अपना नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया. इसके अलावा सुरेखा ने 2080 में से 2808 कुल अंको के साथ रैंकिंग राउंड में पहली रैंक हासिल की.
बेहद सादगी से अपनी कामयाबी को देखने वाली ज्योति अपने आगे आने वाली चुनौती के लिए खुद को तैयार करने में लगी हैं. ज्योति बताती हैं कि उन्हें परिवार और कोच का सबसे ज्यादा सपोर्ट मिलता है. हालांकि कई सीनियर खिलाड़ी भी मदद करते हैं. वहीं भविष्य को लेकर ज्योति बताती हैं कि आने वाले समय में वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन चैंपियनशिप में भी हिस्सा लेंगी.
2011 में जीता पहला मेडल
आंध्र प्रदेश से आने वाली ज्योति की कामयाबी का ग्राफ काफी ऊंचा है. ज्योति ने अपना पहला पदक 2011 में तेहरान में आयोजित हुए एशियन तीरंदाजी (Archery) चैंपियनशिप में जीता. उस चैंपियनशिप में उन्होंने कंपाउंड टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता. 2017 में आयोजित हुई विश्व तीरंदाजी (Archery) चैंपियनशिप में कंपाउंड टीम में रजत पदक हासिल किया. वहीं उन्होंने 2019 की विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में कंपाउंड टीम और व्यक्तित्व में कांस्य पदक जीता.
राष्ट्रीय पुरस्कार
24 साल की इस युवा तीरंदाज की इस कामयाबी ने बेहद कम समय में बड़ा मुकाम दिया. 2017 में ज्योति को ”अर्जुन अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया.
ज्योति कंपाउंड कैटेगरी में तीरंदाजी (Archery) करती हैं लेकिन ये कैटेगरी ओलंपिक में शामिल नहीं है. ओलंपिक में रिकर्व इवेंट ही शामिल है. हालांकि ज्योति का इस कैटेगरी से रिकर्व की कैटेगरी में जाने का कोई विचार नहीं हैं. अभी ज्योति पूरी तरह से विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में फोकस कर रही हैं ताकि मेडल जीतकर देश की झोली में डाल सकें.