इस वक्त एमेजॉन के 450 शहरों में 75 हजार किराना स्टोर हैं. कंपनी का कहना है कि बीते 16 महीनों में उसने 3 लाख नए सेलर अपने नेटवर्क से जोड़े हैं
मेट्रो शहरों, छोटे इलाकों और गांवों तक डिलीवरी की सुविधा को तेज और बेहतर बनाने के लिए एमेजॉन इंडिया ने 2025 तक 9.3 लाख किराना दुकानों से जुड़ने की योजना बनाई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी हाइपरलोकल बनने की तैयारी में है. वह ग्राहकों और सेलर्स को अधिक विकल्प देकर दूर-दराज के इलाकों तक सामान पहुंचाने की कोशिश में लगी है.
इस वक्त एमेजॉन के 450 शहरों में 75 हजार किराना स्टोर हैं. कंपनी का कहना है कि कोविड काल में बीते 16 महीनों में उसने तीन लाख नए सेलर अपने नेटवर्क से जोड़े हैं. पहले इनकी संख्या साढ़े पांच लाख थी, जो बढ़कर साढ़े आठ लाख हो गई है. इसके 85 प्रतिशत ग्राहक छोटे शहरों के हैं. दो साल तक पहले इनकी संख्या 60 फीसदी थी.
टेक्नॉलजी बैरियर खत्म करने और अब तक अछूते रहे इलाकों तक विस्तार करने के लिए ई-कॉमर्स सेक्टर की बड़ी कंपनी स्थानीय भाषाओं पर जोर दे रही है. इसके लिए वह एलेक्सा की मदद से वॉयस बाइंग को बढ़ावा दे रही है. कुल नौ लोकल भाषाएं मोबाइल ऐप में शामिल की जा चुकी हैं. इससे छोटे कस्बों के ग्राहकों के लिए ऑनलाइन शॉपिंग करना आसान होगा.
प्रॉडक्ट पोर्टफोलियो में बढ़ोतरी करने के साथ ई-टेलर छोटे शहरों के सेलर्स और बायर्स को शिक्षित भी कर रही है. उसने खास तौर पर छोटे और मझोले कारोबारियों (SMB) पर ध्यान केंद्रित किया है. ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग सेशन, वेबिनार और सेलर यूनिवर्सिटी प्रोग्राम के जरिए उनका कौशल विकास किया जा रहा है.
जुलाई में एमेजॉन ने डिजिटल केंद्र की शुरुआत की थी, जिसे गुजरात के सूरत में स्थापित किया गया है. इससे MSME को शिपिंग, लॉजिस्टिक, कैटेलॉगिंग, डिजिटल मार्केटिंग, GST और टैक्सेशन सपोर्ट के लिए थर्ड-पार्टी की मदद लेना सिखाया जाता है.