अक्टूबर के आते ही कई तरह के नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं. नए महीने की पहली तारीख से बदल रहे हैं कौन से नियम और उनका आप पर क्या असर होगा, आइए जानते हैं.
पेंशन लेने वालों के लिए डिजिटल सर्टिफिकेट से जुड़े नियम 1 अक्टूबर से बदलने जा रहे हैं. इसके तहत, 80 साल से अधिक आयु वालों को अपने जिंदा होने का सबूत जीवन प्रमाण केंद्र पर देना होगा. इसे वे किसी भी हेड पोस्ट ऑफिस में जमा कर सकते हैं. इसके बाद ही उन्हें पेंशन मिलेगी. ऐसा करने की आखिरी तारीख 30 नवंबर, 2021 है.
अक्टूबर से इलाहाबाद बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के पुराने चेकबुक, IFSC कोड और MICR कोड इनवैलिड हो जाएंगे. तीनों बैंक पहले से अपने ग्राहकों को इसकी सूचना दे चुके हैं. ग्राहकों को आगे के इस्तेमाल के लिए तीनों चीजों को नजदीकी बैंक शाखा में जाकर रिन्यू कराना होगा.
रिजर्व बैंक की तरफ से जारी निर्देशों के मुताबिक, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से मासिक आधार पर होने वाले ऑटो-डेबिट के नियम अक्टूबर से बदल रहे हैं. मासिक बिल और ऑटो-पे पर लगे बिलों के लिए अकाउंट से खुद पैसे काटने के बजाय बैंक अब इस फीचर के तहत पहले ग्राहकों की मंजूरी लेंगे. ‘एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन’ के तहत पेमेंट की तारीख से कम से कम 24 घंटे पहले ग्राहक को SMS या ई-मेल के जरिए नोटिफिकेशन भेजा जाएगा. अप्रूवल मिलने के बाद ही पेमेंट होगी.
सेबी ने म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए भी नियमों में बदलाव किए हैं, जो अक्टूबर से लागू होंगे. एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) में काम करने वाले जूनियर एंप्लॉयीज को वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा म्यूचुअल फंड में निवेश करना होगा. ऐसे और भी बदलाव धीरे-धीरे किए जाएंगे. 1 अक्टूबर, 2023 से इन कर्मचारियों को सैलरी का 20 पर्सेंट हिस्सा फंड में लगाना होगा.
शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए अपने डीमैट अकाउंट का KYC कराना अनिवार्य होगा. अक्टूबर से सिर्फ वही डीमैट अकाउंट चालू रहेंगे, जिनका KYC अप-टू-डेट होगा. इसी तरह, अब से खुलने वाले सभी डीमैट अकाउंट के लिए नॉमिनी की घोषणा करना अनिवार्य हो जाएगा. पुराने खातों को यह प्रक्रिया 22 मार्च, 2022 तक पूरी करनी है. ऐसा नहीं कर पाने की स्थिति में खाता निष्क्रीय हो जाएगा.