LIC में विनिवेश के फैसले के विरोध में आज LIC कर्मचारी हड़ताल पर हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश किए बजट में ऐलान किया था कि इसी वित्त वर्ष में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन में IPO के जरिए हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया था. LIC में तकरीबन 1.14 लाख कर्मचारी हैं और 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर्स हैं. LIC कर्मचारी IPO के साथ ही इंश्योरेंस सेक्टर में FDI सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने का भी विरोध कर रहे हैं.
सरकार ने इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी है. वहीं इसी वित्त वर्ष में LIC का IPO लाने की योजना है. आज की हड़ताल ऑल इंडिया इंश्योरेंस फील्ड वर्कर्स (AIIEA), फेडरेशन ऑफ LIC क्लास-1 ऑफिसर्स एसोसिएशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंश्योरेंस फील्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया (NFIFWI) ने बुलाई है. इन सभी का कहना है कि सरकार के कदम इंश्योरेंस इंडस्ट्री, लोगों और अर्थव्यवस्था के हित में नहीं है. कर्मचारियों का कहना है कि LIC का प्रदर्शन अच्छा रहा है और इसमें हिस्सेदारी बेचने की कोई वजह नहीं है.
ट्विटर पर भीअब तक #IndiaRejectsLICIPO से 20 हजार से ज्यादा ट्वीट हो चुके हैं और ये ट्रेंड कर रहा है.
इसी हफ्ते सोमवार और मंगलवार को सरकारी बैंकों के 9 यूनियन ने हड़ताल की थी जिसमें तकरीबन 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया था. उन्होंने सरकारी बैंकों के निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल की थी जिससे दो दिन बैंकों की सर्विसेस प्रभावित हुईं. वित्त मंत्री ने बजट में ऐलान किया था कि दो सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा.
बजट में सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है. LIC के विनिवेश और दो सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के अलावा सरकार BPCL, BEML, IDBI बैंक, शिपंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI), कंटेनर कॉरपोरेशन (CONCOR) एयर इंडिया, पवन हंस, नीलांचल इस्पात निगम शामिल हैं.
हालांकि वित्त मंत्री ने बैंक कर्मचारियों के हड़ताल के बाद कहा था कि निजीकरण के वक्त कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा और सैलरी-पेंशन भी सुरक्षित रखी जाएंगी.