देश में पर्सनल लोन की मांग लगातार बढ़ रही है और पर्सनल लोन सेगमेंट में फिक्स डिपॉजिट (FD) के बदले कर्ज की मांग में जोरदार उछाल देखा जा रहा है. रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि बीते एक साल के दौरान फिक्स डिपॉजिट के बदले कर्ज का आकार 46 फीसद से ज्यादा बढ़ा है. पिछले साल जून अंत तक देश में फिक्स डिपॉजिट के बदले दिए गए कर्ज का आकार सिर्फ 82,282 करोड़ रुपए हुआ करता था. इस साल जून अंत में यह आंकड़ा बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
सस्ता पड़ता है कर्ज
मौजूदा समय में पर्सनल लोन के लिए भारी भरकम ब्याज चुकाना पड़ रहा है, अधिकतर बैंकों में पर्सनल लोन के लिए कर्ज की दर 11 फीसद से ऊपर ही है. वहीं फिक्स डिपॉजिट के बदले जो कर्ज मिलता है उसपर कर्ज की दर FD पर मिल रहे ब्याज से थोड़ा ज्यादा होती है और पर्सनल लोन की दर के मुकाबले बहुत कम. यही वजह है कि लोग फिक्स डिपॉजिट के बदले कर्ज लेने को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं जिस वजह से FD के बदले दिए गए कर्ज का आकार बढ़ गया है.
शेयर के बदले भी मिलता है कर्ज
बैंक सिर्फ FD के बदले ही नहीं बल्कि शेयर और बॉन्ड के बदले भी कर्ज देते हैं, हालांकि इस सेगमेंट के तहत दिए जाने वाले कर्ज का आकार बहुत छोटा है और इसमें ग्रोथ भी कम है. इस साल जून अंत तक शेयर और बॉन्ड के बदले दिए गए कर्ज का कुल आकार 6934 करोड़ रुपए दर्ज किया गया है जो पिछले साल जून अंत में 6547 करोड़ रुपए था.
बढ़ गया पर्सनल लोन
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इस साल जून अंत तक पर्सनल लोन के तहत दिए गए कर्ज का कुल आकार 42.6 लाख करोड़ रुपए हो गया है और इसमें 21 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई है. पिछले साल जून अंत में पर्सनल लोन सेगमेंट के तहत बांटे गए कर्ज का कुल आकार 35.24 लाख करोड़ रुपए था. इस सेगमेंट में फिक्स डिपॉजिट के बदले दिए गए कर्ज के अलावा क्रेडिट कार्ड के तहत बांटे गए कर्ज की ग्रोथ में भी उछाल आया है. जून अंत तक क्रेडिट कार्ड से बांटे गए कर्ज का आकार बढ़कर 2.09 लाख करोड़ रुपए हो गया है जो पिछले साल जून अंत में 1.54 लाख करोड़ रुपए था.
रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि इस साल जून अंत तक बैंकों की तरफ से बांटे गए कुल कर्ज का आकार पिछले साल के मुकाबले 16 फीसद से ज्यादा बढ़ा है. 30 जून तक बैंकों की तरफ से बांटे गए कुल कर्ज का आकार 143.91 लाख करोड़ रुपए दर्ज किया गया है जो पिछले साल जून अंत में 123.83 लाख करोड़ रुपए था.