इनदिनों टमाटर के भाव सातवें आसमान पर है, लेकिन जल्द ही लोगों को इसकी बढ़ी हुई कीमतों से राहत मिलने वाली है. केंद्र सरकार को उम्मीद है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में टमाटर का उत्पादन जुलाई के 2,23,000 मीट्रिक टन से बढ़कर अगस्त में 5,44,000 मीट्रिक टन हो जाएगा. ऐसे में टमाटर समेत दूसरी सब्जियों की कीमतें कम होंगी.
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों खासतौर पर हिमाचल प्रदेश में जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा, वैसे ही कीमतों में गिरावट देखेने को मिलेगी. राष्ट्रीय राजधानी अन्य उत्तरी बाजारों में टमाटर का मुख्य स्रोत हिमाचल प्रदेश है. माना जा रहा है कि जुलाई में इसका उत्पादन 2,000 मीट्रिक टन से बढ़कर अगस्त में 30,000 मीट्रिक टन हो जागा, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
इन राज्यों में भी उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में भी अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में उत्पादन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. सितंबर में 9,56,000 मीट्रिक टन और अक्टूबर में 13,33,000 मीट्रिक टन तक उत्पादन पहुंचने की संभावना है.
बारिश के चलते फसलें हुई खराब
जुलाई में उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी राज्यों में ज्यादा बारिश और बाढ़ के चलते खेतों में पानी भर गया. जिससे खड़ी फसलें बेकार हो गईं, इससे टमाटर की आपूर्ति भी प्रभावित हुई. नतीजतन दिल्ली बाजार में टमाटर की खुदरा कीमतें 200 रुपए के पार पहुंच गई. आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2022 में हिमाचल प्रदेश में टमाटकर की आवक 10875 मीट्रिक टन थी, जो इस साल घटकर 1505 मीट्रिक टन रह गई. हिमाचल प्रदेश में खरीफ टमाटर के कुल बोए गए 14,500 हेक्टेयर क्षेत्र में से 7,800 हेक्टेयर क्षेत्र को नुकसान हुआ है, जिसके चलते उत्पादन कम हो गया है.
टमाटर ने बढ़ाया वेज थाली का दाम
क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टमाटर की ऊंची कीमतों के कारण वेज थाली की कीमत महीने-दर-महीने 28% बढ़ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक शाकाहारी थाली की कीमत में 25% की बढ़ोतरी के पीछे महंगे टमाटर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. टमाटर की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों से टमाटर खरीदने और उन्हें प्रमुख उपभोग केंद्रों में बांटने को कहा था.