अदानी समूह की कंपनी अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लि. की ऑडिटर Deloitte कंपनी के ऑडिट कामकाज को छोड़ने की तैयारी कर रही है। Deloitte ने अमेरिका की फाइेंशियल रिसर्च और इनवेस्टमेंट कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में चिन्हित कुछ लेन-देन पर चिंता जताई है.
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि Deloitte ने अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लि. को ऑडिटर से इस्तीफा देने के निर्णय के बारे में सूचना दी है। इस बारे में औपचारिक घोषणा जल्दी होने की उम्मीद है. इस्तीफे के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। इस बारे में Deloitte ने कुछ भी कहने से मना कर दिया.
उल्लेखनीय है कि Deloitte ने तीन लेन-देन को लेकर सवाल उठाये थे। इसमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट में चिन्हित एक ‘Contractor’ से ‘Recovery’ भी शामिल थी. कंपनी ने चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2022-23 के ऑडिट पर अपनी रिपोर्ट में, तीन संस्थाओं के साथ लेनदेन का जिक्र किया. इस बारे में कंपनी का कहना था कि वे संबंधित पक्ष नहीं हैं.
हालांकि, Deloitte ने कहा कि वह कंपनी के बयान का सत्यापन नहीं कर सकती क्योंकि दावों को साबित करने के लिये किसी स्वतंत्र बाहरी पक्ष से इसकी जांच नहीं करायी गयी है. हिंडनबर्ग ने इस साल 24 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में अडाणी समूह पर धोखाधड़ी, शेयरों में गड़बड़ी और मनी लांड्रिंग के आरोप लगाये थे। साथ ही संबद्ध पक्षों के बीच लेन-देन की बात कही थी. अदानी समूह ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था.
Deloitte का कहना था कि अदानी समूह ने इन आरोपों की जांच स्वतंत्र बाहरी एजेंसी से कराना जरूरी नहीं समझा. इसका कारण उनका अपना आकलन तथा SEBI की जारी जांच है. कंपनी ने अदानी पोर्ट्स के वित्तीय ब्योरे में कहा था, ‘‘समूह की तरफ से किया गया मूल्यांकन हमारे ऑडिट के उद्देश्यों के लिए पर्याप्त उचित साक्ष्य उपलब्ध नहीं करता है.’