हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी पर उठे सवालों की जांच मामले में बाजार नियामक (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. सेबी ने कहा है कि कुल 24 मामलों में से 22 की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि दो की जांच अभी बाकी है. दरअसल इन दोनों मामलों की जांच को पूरी करने के लिए विदेशी एजेंसियों की रिपोर्ट का इंतजार है.
नियामक ने कहा कि वह कानून के अनुसार जांच के नतीजे के आधार पर उचित कार्रवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 14 अगस्त तक अडानी मामले की रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. मगर तय समय तक जांच पूरी न हो पाने पर सेबी ने कोर्ट से 15 दिन का वक्त मांगा था. अब सेबी ने स्टेटस सौंप दिया है. मामले में अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी.
सेबी अडानी समूह की 13 विदेशी इकाईओं की जांच कर रही है. इसमें अडानी समूह में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों से जानकारी मांगी गई है. सेबी ने कहा कि चूंकि इन विदेशी निवेशकों से जुड़ी कई संस्थाएं विदेशी क्षेत्राधिकार में स्थित हैं. इस वजह से यह 12 एफपीआई के आर्थिक हितधारक शेयरधारकों को स्थापित करना एक चुनौती बनी हुई है. नियामक ने अंदरूनी व्यापार नियमों के संभावित उल्लंघन से जुड़े पांच मामलों की भी जांच की.
नियामक ने 33,000 से ज्यादा पेजों के दस्तावेजों को स्कैन किया, व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए 90 समन जारी किए और 1 अप्रैल, 2005 से 31 मार्च, 2023 की अवधि के दौरान संबंधित-पक्ष से हुए लेनदेन की जांच के लिए 1,000 से अधिक ईमेल जारी किए. सेबी ने बताया कि उसने अदानी पावर, अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी इंफ्रा (इंडिया), अदानी माइनिंग और अदानी एस्टेट्स के लेन-देन की जांच की.