गेहूं व्यापारियों, रिटेलर्स और आटा मिलों को अगले आदेश तक हर शुक्रवार को सरकार के बताए पोर्टल पर अपने स्टॉक की घोषणा करनी होगी
2018 के बाद ऐसा पहली बार है जब गेहूं का स्टॉक 100 लाख टन से नीचे चला गया है
2017 के बाद सबसे कम स्टॉक, हालांकि स्टॉक बफर के मुकाबले ज्यादा
खुदरा कीमत को नियंत्रित करने के लिए गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जाती है
गेहूं और गेहूं के आटे की कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार ने लिया फैसला
सरकार ने गेहूं पर स्टॉक सीमा को 3,000 टन से घटाकर 2,000 टन किया
अप्रैल अंत में दिल्ली में भाव 2300 रुपए से नीचे हुआ करता था, जो जून के पहले हफ्ते में बढ़कर 2510 रुपए हो गया था.
सरकार ने 31 मार्च 2024 तक गेहूं पर स्टॉक लिमिट लगा दी है