पिछले दो वर्षों में कम खरीद और खुले बाजार में अनाज की रिकॉर्ड बिक्री के कारण भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास गेहूं का स्टॉक घट गया है. 2018 के बाद ऐसा पहली बार है जब स्टॉक 100 लाख टन से नीचे चला गया है. यह इस महीने घटकर 97 लाख टन रह गया है. हालांकि, चावल के मामले में, FCI के पास वर्तमान में बफर मानक से चार गुना से ज्यादा स्टॉक है.
गेहूं के स्टॉक में गिरावट देखने को मिली है, इसके बावजूद मौजूदा समय में स्टैचुअरी बफर स्टॉक जरूरत से अधिक है. मानक के मुताबिक अप्रैल में एफसीआई के पास 74.6 लाख टन खाद्यान्न होना चाहिए. एक अधिकारी के बयान के मुताबिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्टॉक पर्याप्त है और यह बफर मानक से ज्यादा है. खरीद का मौसम भी 1 मार्च से शुरू हो गया है और पिछले दो वर्षों की तुलना में बेहतर खरीद की उम्मीद की जा रही है. सरकार ने अनुमान लगाया है कि गेहूं की खरीद लगभग 320 लाख टन होगी और इससे बेहतर स्थिति बनी रहेगी.
खुले बाजार में बेचा गया गेहूं
उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए जून 2023 में, सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचना शुरू किया. फरवरी के अंत तक, एफसीआई ने बाजार हस्तक्षेप के रूप में 90 लाख टन से अधिक की बिक्री की थी. सार्वजनिक खरीद शुरू होने के बाद से खुले बाजार में बिक्री बंद कर दी गई है. चावल के मामले में, एफसीआई के पास वर्तमान स्टॉक लगभग 270 लाख टन है, जिसमें मिल मालिकों से प्राप्त लगभग 30 लाख टन अनाज इसका हिस्सा नहीं है. बफर मानदंडों के अनुसार, एफसीआई को 1 अप्रैल तक लगभग 136 लाख टन चावल रखना होगा.