कोरोना महामारी ने हमारे बच्चों को काफी नुकसान पहुंचाया है. इस महामारी ने बच्चों से एक ऐसा अवसर छीना है जिसे कभी वापस नहीं लाया जा सकता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि अगले महीने बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन (vaccine) आ सकती है.
Vaccine Certificate: स्वास्थ्य सचिव ने सिर्फ कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक के तीनों ट्रायल में भाग लेने वाले लोगों की जानकारी मांगी है.
निजी क्षेत्र में टीकाकरण का विस्तार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैंड-होल्डिंग की जा रही है ताकि आउटरीच व्यापक हो सके.
चिंता करने वाली बात ये है कि जिन बच्चों में केवल एक हल्का संक्रमण हो सकता है, वे अभी भी इसे वृद्ध लोगों को ट्रांसमिट कर सकते हैं.
केंद्र सरकार ने कोरोना (corona) वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन (vaccine) की खरीदी और वैक्सीनेशनल पर अब तक 9000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च किए हैं.
सरकार, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स, पॉलिसीमेकर्स और नागरिकों को खुद आगे आकर इससे जुड़े हुए मिथकों और अफवाहों को खत्म करना होगा.
देश भर में 25 हजार से अधिक लोगों पर परीक्षण के बाद दो सप्ताह पहले कंपनी ने इमरजेंसी एप्रुवल के लिए एप्लाई किया था.
सरकार को डैशबोर्ड बनाना चाहिए जहां वैक्सीन्स के रोजाना उत्पादन के आंकड़े दिए जाएं. इंपोर्ट हो रही वैक्सीन्स के आंकड़े को भी जारी होने चाहिए.
5% लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लगे हैं और बाजारों व टूरिस्ट स्थलों पर भारी भीड़ हो रही है, ऐसे में तीसरी लहर अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा सकती है.