RBI ने हेल्थकेयर सेक्टर को 50,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी मुहैया कराई है. निजी सेक्टर को इस पैसे से कोविड के खिलाफ जंग तेज करनी चाहिए.
Oxygen Supply: यह संयंत्र एलसीए तेजस में ऑक्सीजन पैदा करने के लिए विकसित की गई मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक पर बनाये गए हैं.
Tata Group: इंडियन होटल्स ने अपने कई होटलों के कमरों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया है. इसमें 1,500 बिस्तर उपलब्ध हैं.
Oxygen Cylinder: घर में ऑक्सीजन रखने वालों को सबसे पहले परिवार के किसी एक को सिलेंडर को खोलना और बंद करना सीख लेना चाहिए.
Oxygen: सिलेंडर में रिफिलंग की सुविधा होती है. इसे दोबारा इसेतमाल किया जा सकता है. लेकिन सिलेंडर के साथ ही रेगुलेटर और फ्लोमीटर भी जरूरी है.
Oxygen Concentrator: यह एक ऐसी मशीन है, जिसमें ऑक्सीजन भरवाने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि यह मशीन खुद ही ऑक्सीजन जेनरेट करती है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) डेटाबेस के मुताबिक, 30 उद्योग नाइट्रोजन संयंत्र वाले हैं जिससे ऑक्सीजन का उत्पादन हो सकता है.
वित्तीय सहायता से महामारी के दौरान MSME द्वारा ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीमीटर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी
Oxygen: यह ऑक्सीजन गैस मौजूदा अस्पतालों में कोविड से संबंधित जरूरतों को पूरा करने व निरंतर आपूर्ति करने के काम में ली जा सकती है.
oxygen: कॉर्पोरेशन ने ऑक्सीजन उत्पादकों के नाम और पते सहित जानकारी दी है, ताकि निजी अस्पताल तत्काल ऑक्सीजन निर्माताओं से संपर्क कर सकें