कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है.
सरकार ने 6 लाख करोड़ रुपये की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) का एलान किया है. इसका मकसद इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स को मॉनेटाइज करना है.
AIBOC ने NMP का विरोध करते हुए इसे सभी अहम इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों की सरकारी संपत्तियों का "थोक निजीकरण" करार दिया है.
National Monetisation:वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक मॉनेटाइजेशन के लिए मापी गई संपत्तियों की कुल लंबाई 26,700 किलोमीटर है.
Privatisation for Monetisation: द अशोक, होटल सम्राट ITDC की उन 8 संपत्तियों में शामिल हैं, जिन्हें नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत लिस्ट किया गया है