अगस्त महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश 5 महीने की ऊंचाई पर रहा है. अगस्त में कुल 20,245 करोड़ रुपए के निवेश में से बड़ा हिस्सा स्मॉल-मिडकैप और मल्टीकैप फंड्स में आया है. बाजार में हाल में रिकॉर्ड हाई लगने के बाद लार्जकैप शेयरों में थकावट नजर आ रही है पर छोटे-मझोले शेयरों के इंडेक्स ने जमकर रिटर्न दिए हैं. और यही कारण है कि स्मॉल-मिडकैप और मल्टीकैप फंड्स में निवेश पर फोकस बढ़ रहा है. तो लार्जकैप की सिक्योरिटी के साथ-साथ छोटे-मझोले शेयरों की दमदार तेजी का फायदा उठाने के लिए अच्छे मल्टीकैप फंड में निवेश का बेहतर विकल्प जानने के लिए देखें Mutual Fund मुकाबला का लेटेस्ट एपिसोड.
निवेश के लिए कौन सा म्यूचुअल फंड खरीदें, इसे लेकर निवेशकों में काफी दुविधा रहती है.
पहले मल्टीकैप स्कीम में कैप साइज की सीमा निर्धारित नहीं थी. अब 75% कैप के हिसाब से तय किया रहेगा और बाकी बचे 25% का निवेश फंड मैनेजर बदल पाएंगे.
म्यूचुअल फंड मार्केट में रिस्क है जितना बाजार गिरेगा उतना आपका फंड गिरेगा. इसी के साथ यदि मार्केट उठेगा तो आपको फंड भी तेजी के साथ बढ़ता जाएगा.
मनी9 हेल्पलाइन में कंप्लीट सर्किल कंसल्टेंट्स के को-फाउंडर गुरमीत चड्ढा ने लोगों के म्यूचुअल फंड्स निवेश और इनमें शामिल जोखिमों के बारे में बताया.
Flexicap vs Multicap Funds: दोनों में अलग-अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश किया जा सकता है, लेकिन मल्टीकैप में हर मार्केट कैप के लिए सीमा तय है