भारत तुअर दाल की अपनी घरेलू जरूरत को पूरा करने के लिए म्यांमार और अफ्रीका से तुअर का आयात करता रहा है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 के रबी सत्र में मसूर का उत्पादन 1.56 करोड़ टन हुआ था
एनसीसीएफ और किसानों की सहकारी संस्था नैफेड जैसी एजेंसियां बाजार भाव पर इन दालों की खरीद करेंगी.
मौसम की अनिश्चितताओं के कारण घरेलू दलहन उत्पादन में कमी की वजह से हाल के महीनों में दलहन की कीमतों में इजाफा दर्ज किया गया है.
भारत ने दलहन के इंपोर्ट के लिए मोजाम्बिक, मालावी और म्यांमार के साथ समझौता किया है.
यील्ड में गिरावट की वजह से मटर और मसूर के उत्पादन में कमी का अनुमान है.
त्योहारी मौसम में उचित कीमत पर सभी प्रकार की दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है