सरकार बफर स्टॉक के लिए किसानों या प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटीज से तुअर और मसूर की खरीद करेगी. सरकार डायनामिक प्राइस फॉर्मूला के जरिए इन दालों की खरीदारी करेगी. गौरतलब है कि मौजूदा समय में तुअर और मसूर का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के ऊपर चल रहा है. राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) और किसानों की सहकारी संस्था नैफेड जैसी एजेंसियां बाजार भाव पर इन दालों की खरीद करेंगी. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और सहकारिता मंत्री अमित शाह तुअर दाल खरीद पोर्टल शुरू करेंगे. इस पर किसान जिंस बेचने के लिए खुद को पंजीकृत कर सकेंगे और सीधे अपने बैंक खातों में भुगतान प्राप्त कर सकेंगे.
कई भाषाओं वाला यह पोर्टल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक और झारखंड में तुअर दाल उत्पादकों के लिए पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा, जिससे पंजीकरण, खरीद और भुगतान प्रक्रिया सरल हो जाएगी. यह पोर्टल राजधानी में ‘दालों में आत्मनिर्भरता’ विषय पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में शुरू किया जाएगा.
वर्तमान में, सरकार बफर भंडार बनाए रखने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) जैसी एजेंसियों के माध्यम से तुअर दाल सहित विभिन्न प्रकार की दालों की खरीद करती है. इसमें कहा गया कि इस पहल के अंतर्गत पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से बफर भंडार के लिए दालें खरीदी जाएंगी और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या बाजार मूल्य, जो भी अधिक हो, का भुगतान किया जाएगा. सहकारिता मंत्रालय के मुताबिक, पोर्टल पर पंजीकरण, खरीदारी और भुगतान की प्रक्रिया एक ही माध्यम पर उपलब्ध होगी.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश समेत प्रमुख उत्पादक राज्यों में तुअर की खरीद के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है. बाजार भाव पर दालों के लिए किसानों से खरीद का डायनामिक प्राइसिंग मॉडल सरकार के द्वारा प्याज की खरीद के लिए बनाए गए मॉडल के अनुरूप होगा. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर दालों की किस्मों की खरीद से किसान दलहन उत्पादन बढ़ाने के लिए उत्साहित होंगे, जिससे देश की दलहन आयात पर निर्भरता कम होगी. बता दें कि तुअर और मसूर दो प्रमुख दलहन हैं जिनका भारत आयात करता है.
साल 2023 में भारत ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए करीब 1.9 मिलियन टन तुअर और उड़द का इंपोर्ट किया था. भारत विदेशों से जिन दलहन का इंपोर्ट करता है उनके एक बड़े हिस्से में तुअर, उड़द और मसूर शामिल है. सरकार इन दलहन का अधिकतर इंपोर्ट मोजाम्बिक, मालावी, तंजानिया, म्यांमार, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से करती है. गौरतलब है कि बुधवार को महाराष्ट्र के लातूर में तुअर दाल का भाव करीब 8,400-8,500 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था. बता दें कि 2023-24 सीजन (जुलाई-जून) के लिए तुअर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7,000 रुपए प्रति क्विंटल है. वहीं मसूर का भाव 6,774 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया था, जबकि सीजन के लिए मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6,425 रुपए प्रति क्विंटल था.
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