कोरोना की दूसरी लहर में हेल्थ सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इस दौर में हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने हेल्थ क्लेम की संख्या में भी इजाफा देखा है.
संसद ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने के लिए एक विधेयक पारित किया था.
अब पॉलिसीधारक पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी उच्च जोखिम वाली स्थितियों में भी स्वास्थ्य बीमा खरीद सकते हैं.
आपके फाइनेंशियल प्लान में भी चेंज होना चाहिए. आपको यह भी पता चलता है कि अपने इन्वेस्ट को लेकर आप किस स्थिति में हैं?
क्रिटिकल इलनेस कवरः इलाज का खर्च लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पताल में भर्ती होने के बाद बिना वजह की परेशानी से बचने के लिए ये कवर लेना ठीक रहता है.
Insurance: जीवन बीमा लेने से एक बात सुनिश्चित हो जाती है कि आपके जाने के बाद आपके परिवार को धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
सरकार बीमा पॉलिसीज को आधार से (Aadhaar) से लिंक करने पर काफी जोर दे रही है. लेकिन, अभी तक LIC के मामले में इसे अनिवार्य नहीं किया गया है.
Indemnity Policy: पॉलिसीधारक ये सुनिश्चित कर सकेंगे कि अगर कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन होता है तो उन्हें अपना पैसा वापस मिलेगा.
इंश्योरेंस प्लान में आपको तभी कवर मिलता है जब इसे सही तरीके से फाइल किया जाए और इसमें सभी तथ्यों और रिकॉर्ड्स को बिलकुल दुरुस्त रखा जाए.
Indemnity Policy: निर्देशानुसार प्रोफेशनल्स और संस्थाओं पर ग्राहकों द्वारा उनके कर्तव्यों के दौरान गलतियों या लापरवाही के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है