इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI के मुताबिक ब्रोकर, एजेंट, एग्रीगेटर, और मार्केटिंग कंपनियों जैसे इंश्योरेंस मध्यस्थ को अब स्टैंडर्ड प्रोफेशनल इन्डेम्निटी पॉलिसी लेने की जरूरत है. इस तरह के कवर मध्यस्थों और उनके कर्मचारियों की ओर से हुई गलतियों की स्थिति में पॉलिसीधारक को फायदा होगा.
हालांकि, इससे पहले भी कई इंटरमीडियरी कंपनियां ये पॉलिसी खरीद रही थी लेकिन गाइडलाइंस के अभाव में इन्हें पाना आसान नहीं था. अब जब स्टैंडर्ड गाइडलाइंस आ गई हैं तो इंटरमीडियरी के लिए अब ये पॉलिसी खरीदना ज्यादा आसान होगा.
ये फैसला सराहनीय है क्योंकि इससे मिस-सेलिंग होने पर पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा होगी. पॉलिसीधारक ये सुनिश्चित कर सकेंगे कि अगर कॉन्ट्रैक्ट का उल्लंघन होता है तो उन्हें अपना पैसा वापस मिलेगा.
साथ ही, इंटरमीडियरी भी ऐसी शिकायतों पर बिना किसी नुकसान के एक्शन ले पाएंगी.
इससे पहले हमने देखा है कि लापरवाही के मामलों में क्लाइंट्स ने प्रोफेशनल्स पर मुकदमा दायर किए हैं. प्रोफेशनल इन्डेम्निटी पॉलिसी ऐसे मामलों में इंटरमीडियरी को सुरक्षा मिलेगी. इंश्योरेंस रेगुलेटर की गाइडलाइंस के मुताबिक ये एक जुलाई से लागू होंगी.
लेकिन, सर्कुरल में इंडिविजुअल एजेंट्स को शामिल नहीं किया गया जो इस सेक्टर में प्रमुख भूमिका निभाते हैं. इससे इंटरमीडियरी का बड़ा हिस्सा इन्डेम्निटी पॉलिसी से बाहर होगा जो पॉलिसीधारक के लिए सही नहीं है. रेगुलेटर को इंडिविजुअल एजेंट्स के लिए भी फ्रेमवर्क तैयार करना होगा जो इंश्योरेंस इंडस्ट्री में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.