सरकार ने कहा है कि एक निजी बैंक द्वारा प्रमोटेड बीमा कंपनी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए आवेदनों को आरबीआई (RBI) और इरडा (IRDAI) द्वारा मंजूरी दी जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विदेशी निवेश की 74 फीसदी की सीमा का उल्लंघन न हो. वित्त मंत्रालय की ओर से 19 अगस्त, 2021 को जारी गजट नोटिफिकेशन के मुताबिक फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (नॉन-डेट इंस्ट्रूमेंट्स) रूल्स, 2019 में संशोधन कर ये बदलाव किए गए थे.
नोटिफिकेशन में कहा गया था कि इन नियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (नॉन-डेट इंस्ट्रूमेंट्स) (दूसरा संशोधन) नियम, 2021 कहा जा सकता है.
इससे पहले मार्च में संसद ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने के लिए एक विधेयक पारित किया था.
बीमा अधिनियम, 1938 को आखिरी बार 2015 में संशोधित किया गया था, जिसने एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 49 फीसदी कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप पिछले पांच वर्षों में 26,000 करोड़ रुपये की विदेशी पूंजी का प्रवाह हुआ.
अधिसूचना में कहा गया “बीमा क्षेत्र में संयुक्त उद्यम या सहायक कंपनियों वाले निजी बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए आवेदन भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के परामर्श से विचार करने के लिए रिज़र्व बैंक को संबोधित किया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीरियल नंबर एफ 8.1 और एफ 8.2 में निर्दिष्ट बीमा क्षेत्र के लिए लागू विदेशी निवेश की सीमा का उल्लंघन नहीं किया गया है.”
इसमें कहा गया, “विदेशी निवेश वाली एक भारतीय बीमा कंपनी समय-समय पर संशोधित भारतीय बीमा कंपनी (विदेशी निवेश) नियम, 2015 के प्रावधानों और वित्तीय सेवा विभाग या इरडा द्वारा समय-समय पर अधिसूचित लागू नियमों और विनियमों का अनुपालन करेगी.” देश में 24 जीवन बीमा कंपनियां और 34 सामान्य बीमा कंपनियां काम कर रही हैं.