कमजोर मानसून का किन चीजों पर पड़ रहा असर? मनरेगा में क्या होने जा रहे हैं बदलाव? इंश्योरेंस सेक्टर में क्या होंगे बदलाव? शेल कंपनियों पर सख्त क्यों हुई सरकार? इंडिगो के सबसे बड़े ऑर्डर के क्या है मायने? लाइवस्टॉक बिल का क्यों शुरू हुआ विरोध? दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों पर कौन सा संकट गहराया? SEBI ने IIFL पर क्यों लगा दिया बैन? भारत-अमेरिका के बीच किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा? आज के Money Central में इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा.
बीमा उद्योग में कई बदलाव लाए जा रहे हैं. एक तरफ नई बीमा कंपनियों को लाइसेंस देने की तैयारी चल रही है तो दूसरी तरफ नए तरह के बीमा प्रोडक्ट बाजार का लांच हो रहे हैं. बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार इस क्षेत्र में सुधारों पर विशेष जोर दे रही है. लेकिन क्या ये प्रयास काफी हैं और क्या किए जाने की जरूरत है? नई कंपनियों के आने से आम लोगों को कितना और कैसे होगा फायदा? इंश्योरेंस जगत की सारी खबरों का राउंडअप देखिए इंश्योरेंस सेंट्रल में -
देश में बीमा क्षेत्र का दायरा अब बढ़ने वाला है. बीमा नियामक इरडा ने इस उद्योग में बड़े पैमाने पर सुधार का प्रस्ताव किया है.
देश में बीमा क्षेत्र का दायरा अब बढ़ने वाला है. बीमा नियामक इरडा ने इस उद्योग में बड़े पैमाने पर सुधार का प्रस्ताव किया है.
कंपनियां अब बिना नियामक की पूर्व मंजूरी के स्वास्थ्य एवं जनरल बीमा उत्पाद पेश कर सकेंगी. इस पहले से क्या ग्राहकों को फायदा होगा
आप जमा पूंजी की गारंटी चाहते हैं तो अपनी रकम का बीमा करा सकते हैं. बीमा की इस रकम को बढ़ाकर 65 लाख रुपये या इससे भी ज्यादा किया जा सकता है.
क्रेडिट, डेबिट कार्ड जारीकर्ता ग्राहक को 30 लाख तक का मुफ्त हवाई दुर्घटना कवर प्रदान करते हैं. यह राशि सामान्य दुर्घटनाओं से अधिक होती है.
Claim Settlement Ratio: LIC ग्राहकों द्वारा किए गए दावों की कुल संख्या किसी भी अन्य निजी कंपनी की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक है.
भारत में पेंशन एक संवेदनशील मसला है. ऐसे में पेंशन सेक्टर में FDI को बढ़ाकर 74% करने का कानून सरकार को व्यापक चर्चा के बाद ही बनाना चाहिए.
FDI In Insurance: FM ने कहा कि 2015 में इंश्योरेंस सेक्टर में FDI सीमा 26% से बढ़ाकर 49% करने से 26,000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आया है.