बैंक में आप चाहे जितनी रकम जमा कर लें, लेकिन सुरक्षा की गारंटी 5 लाख की रकम पर ही दी जाती है. इस रकम का बीमा (Insurance) होता है. यह कवर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) देता है. यानी बैंक डूब जाए तो आपको 5 लाख रुपये तक मिल सकते हैं. पहले यह राशि 1 लाख रुपये थी जो अब 5 लाख रुपये है. लेकिन क्या 5 लाख की सुरक्षित राशि आपके लिए संतोषजनक है? जवाब होगा नहीं. बीमा (Insurance) बढ़ने के बावजूद कई जमाकर्ताओं के लिए यह रकम काफी नहीं है.
ऐसे में अगर आप जमा पूंजी की गारंटी चाहते हैं तो अपनी रकम का बीमा करा सकते हैं. बीमा की इस रकम को बढ़ाकर 65 लाख रुपये या इससे भी ज्यादा किया जा सकता है.
मौजूदा समय में रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक, सभी कॉमर्शियल और कोऑपरेटिव बैंक में जमा राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कोऑपरेशन (DICGC) के अंतर्गत इंश्योर्ड है. इस श्रेणी में प्राइमरी कोऑपरेटिव सोसाइटीज को नहीं रखा गया है. यह नियम करंट अकाउंट, सेविंग्स अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर बराबर रूप से लागू होता है.
आसान भाषा में कहें तो अगर आप किसी एक ही बैंक में अपनी पत्नी, भाई या बच्चे के साथ जॉइंट अकाउंट में फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं, किसी कंपनी के पार्टनर के तौर पर एफडी खोलते हैं, किसी नाबालिग के अभिभावक के तौर पर एफडी लेते हैं तो सभी एफडी अलग-अलग अधिकार और हैसियत के रूप में माने जाएंगे. इसमें हर अकाउंट के साथ 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलेगा.
इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. एक परिवार में कुल छह सदस्य हैं जिनमें पंकज नाम के व्यक्ति की पत्नी का नाम पंकजा है. उनके बेटे का नाम पंकित और बेटी का नाम पंक्ति है. इसी तरह पंकज के माता-पिता सुशील और सुशीला हैं. इस तरह पंकज नाम का व्यक्ति इंडिविजुअल पार्टनर, किसी कंपनी के पार्टनर, नाबालिक बेटे पुष्कर के अभिभावक, नाबालिग बेटी पुष्करा के अभिभावक और किसी कंपनी के डायरेक्टर के तौर पर खाता खुलवा सकते हैं. पति-पत्नी पंकज और पंकजा भी ऐसे ही खाता खुलवा सकते हैं. खाताधारक की हैसियत और अधिकार के आधार पर 13 अलग-अलग एफडी कराए जा सकते हैं. एक एफडी में 5 लाख का बीमा होगा तो कुल बीमा की राशि 65 लाख रुपये तक बन सकती है.
कोई व्यक्ति चाहे तो किसी बैंक में 10 लाख की एफडी खोल सकता है. इसके लिए इंडिविजुअल इनवेस्टर के रूप में 2.5 लाख, अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ 2.5 लाख रुपये की जॉइंट एफडी जिसमें फर्स्ट होल्डर खुद रहें, 2.5 लाख रुपये की जॉइंट एफडी अपनी पत्नी के साथ जिसमें फर्स्ट अकाउंट होल्डर पत्नी को रख सकते हैं. इस तरह आपकी सभी एफडी अलग-अलग मानी जाएगी और सभी एफडी पर 5 लाख रुपये का इंश्योरेंस मिलेगा.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।