Claim Settlement Ratio: इंश्योरेंस के बारे में सोचते ही LIC का नाम सबसे पहले आता है. क्योंकि वे इंश्योरेंस सेक्टर का सबसे बड़ा खिलाड़ी है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि LIC कई पॉलिसियों के मुकाबले क्लेम सेटलमेंट (Claim Settlement Ratio) में टॉप 10 में कहीं नहीं आती है. इसलिए जरूरी है कि बीमा पॉलिसी लेने से पहले क्लेम सेटलमेंट रेशियो को तरजीह दें.
वित्त वर्ष 2020 के लिए एलआईसी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो 96.69 प्रतिशत रहा. वैल्यू के हिसाब से 93.45 प्रतिशत के साथ LIC का क्लेम सेटलमेंट रेशियो दसवें स्थान पर है .
क्लेम सेटलमेंट रेशियो आपको बताता है कि एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त कुल दावों के मुकाबले बीमाकर्ता ने कितने दावों का निपटान किया. क्लेम सेटलमेंट रेशियो जितना अधिक होगा, बीमा कंपनी का क्लेम रिकॉर्ड उतना ही बेहतर होगा.
95 फीसदी से ऊपर का आंकड़ा सुरक्षित माना जाता है. FY20 में LIC का अनुपात 96.69 था, जो FY19 में 97.79 प्रतिशत की तुलना में कम था. अस्वीकृति का अनुपात पिछले वर्ष के 0.43 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 0.81 प्रतिशत हो गया.
प्राइवेट प्लेयर्स की बात करें तो FY19 में जो सेटलमेंट रेशियो 96.64 प्रतिशत था. FY20 में वो बढ़कर 97.18 प्रतिशत हो गया. अस्वीकृति का अनुपात पिछले वर्ष के 2.83 प्रतिशत की तुलना में घटकर 2.42 प्रतिशत हो गया.
PolicyX.com के CEO नवल गोयल कहते हैं कि अन्य खिलाड़ियों की तुलना में LIC भारत में सबसे बड़ा बीमाकर्ता है, जिसके दावों की संख्या सबसे अधिक है.
“LIC ग्राहकों द्वारा किए गए दावों की कुल संख्या किसी भी अन्य निजी कंपनी की तुलना में लगभग पांच गुना अधिक है. इसलिए तुलना उचित नहीं हो सकती है. ”
LIC को FY20 में 7,58,916 पॉलिसियों से क्लेम मिले, जिनमें से 7,33,809 का निपटारा किया गया. दावों का मूल्य 13,694.34 करोड़ रुपये था, जिसमें से 12,797.85 करोड़ रुपये का भुगतान वित्त वर्ष 2020 में किया गया था.
तीन महीने से कम की अवधि के लिए प्राइवेट प्लेयर्स (81.5%) का पेंडिंग क्लेम्स ज्यादा था LIC (53.5%) के मुकाबले. वहीं, 3-6 महीने क अवधि के लिए LIC के पेंडिंग क्लेम्स काफ़ी ज़्यादा है.
प्राइवेट प्लेयर्स के मुकाबले, जोकि 10 प्रतिशत था. वहीं, LIC का पेंडिंग क्लेम 46.5 प्रतिशत था.
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