Liar paradox में फंस गई है भारतीय अर्थव्यवस्था? क्यों डूब रहे स्टार्टअप्स और कहां जा रही नौकरियां? आखिर GDP, ग्रोथ और रोजगार के आंकड़ों के पीछे की हकीकत क्या है? देखिए इकोनॉमिकम-
भारत कब बन पाएगा पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था? इकोनॉमी के नजरिए से कैसे होंगे अगले पांच साल? स्टैगफ्लेशन कितना बड़ा खतरा बनेगी? देखें इकोनॉमिकम.
15वें वित्त आयोग को उम्मीद है कि 2022-23 में ऋण-जीडीपी का अनुपात 33.3 प्रतिशत पर जाकर अपनी पीक पर होगा.
फाइनेंस मिनिस्ट्री भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के कर्ज को स्पष्ट सरकारी देनदारियों के रूप में दिखाना चाहती है.
अर्थव्यवस्था के सुधार की तस्वीर अभी अधूरी है. कई इंडिकेटर हैं जो अधिकांश क्षेत्रों और खासतौर पर ग्रामीण इलाकों को लेकर चिंताजनक संकेत दे रहे हैं
अक्टूबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1,30,127 करोड़ रहा है. जिसमें CGST-23,861 करोड़ रुपये, SGST-30,421 करोड़ और IGST कलेक्शन 67,361 करोड़ रुपये रहा है.
NSG Membership: आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ना तय है. खासतौर पर पहले से बीमार लोगों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये ज्यादा जोखिमभरा होता है.
Credit Growth: अक्टूबर की शुरुआत में कमर्शियल बैंकों को मिली अच्छी खबर, 110.3 ट्रिलियन हुआ क्रेडिट का सालाना आधार
Agriculture Contribution to Indian Economy: एग्रीकल्चर GDP का केवल लगभग 18-20% का गठन कर सकता है. फिर भी यह कुल आबादी के 40% से अधिक को रोजगार देता है
सरकार क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए बैंकों से ऋण की पेशकश करने का आग्रह कर रही है. वहीं, विभिन्न प्रकार के ऋणों की ब्याज दरें निम्न स्तर पर आ गई हैं.