बिजली आपूर्ति के एवज में राज्य सरकार के विभागों से भुगतान प्राप्त करने में देरी उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह है
यह वित्त वर्ष 2022 के आखिरी हफ्ते की बात है. भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी दो रिपोर्ट्स एक ही दिन बाजार में गिरीं.
Financial Institutes Collection: सितंबर तिमाही में लोन देने का परिचालन लगभग फिर से सामान्य स्तर पर आ गया है और लोन लेने वालों की संख्या में कमी आई है.
ICRA के मुताबिक डोमेस्टिक एयर पैसेंजर ट्रैफिक सितंबर में लगभग 2-3 प्रतिशत बढ़कर 69 लाख हो गया. वहीं अगस्त में एयर पैसेंजर की संख्या लगभग 67 लाख थी.
गैस की उच्च कीमतें उपयोगकर्ता उद्योगों पर ऐसे समय में अधिक दबाव डालेंगी जब अर्थव्यवस्था अभी भी घातक कोविड -19 की दूसरी लहर से जूझ रही है.
रेटिंग एजेंसी इक्रा 2021-22 के वास्तविक जीडीपी वृद्धि के अनुमान में बदलाव करते हुए उसे पहले के 8.5 प्रतिशत से बढ़ाकर नौ प्रतिशत कर दिया.
NCD, ऐसे डिबेंचर को कहा जाता है कि जिन्हें मैच्योर होने के समय शेयर में तब्दील नहीं किया जा सकता. NCD का कूपन रेट 8.30 फीसदी प्रतिवर्ष है.
रेटिंग एजेंसी इक्रा के मुताबिक, फाइनेंशियल ईयर 2024-25 तक नई बसों की बिक्री में ई-बसों की 8-10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होने का अनुमान. है
Petrol Diesel Rates: पेट्रोल की खपत में 14% और डीजल में 10% की बढ़ोतरी का अनुमान है. ICRA ने कहा कि ऐसे में अतिरिक्त 40,000 करोड़ का राजस्व मिलेगा
Corporate FD: किसी कंपनी की FD में बैंक के मुकाबले ज्यादा जोखिम होता है. बैंकों में 5 लाख रुपये तक का डिपॉजिट सुरक्षित होता है.