जब पैसों की बात आती है तो इस मामले में ज्यादातर परिवारों में पुरुष ही आगे रहते हैं. बीमा खरीदना हो, म्यूचुअल फंड, स्टॉक, जमीन हो या प्रॉपर्टी, सबकुछ उनके नाम पर लिया जाता है. हालांकि, आपकी पत्नी या मां के नाम पर रियल एस्टेट खरीदने पर या कम से कम उन्हें को-ओनर बनाने पर आपको फायदा मिलता है. महिलाओं को न केवल कम रेट पर लोन मिलता है, बल्कि वो टैक्स लायबिलिटी कम करने में भी मदद करती है. इसके अलावा, सरकार द्वारा महिलाओं को विशेष छूट दी जाती है जो महिलाओं को आगे आने और उनके नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने के लिए प्रोत्साहित करती हैं.
सुजीत बांगड़, फाउंडर Taxbuddy.com के मुताबिक, “आपके पति या पत्नी के साथ आपके घर की ज्वॉइंट ओनरशिप का मतलब है साझा जिम्मेदारियां. इसके कई फायदे हैं. कुछ राज्यों में ज्वॉइंट ओनरशिप पर स्टैंप ड्यूटी में छूट भी मिलती है, कुछ बैंकों द्वारा महिलाओं को रियायती ब्याज दर, बैंक द्वारा होम लोन के अमाउंट में इजाफा और कपल के इनकम टैक्स में काफी कमी जैसे फायदे मिलते हैं.”
टैक्स बेनिफिट्स को समझें
महिलाओं को होम लोन लेने पर कई टैक्स बेनेफिट्स मिलते हैं जैसे होम लोन के इंटरेस्ट पेमेंट पर कटौती (2 लाख रुपये तक), होम लोन के मूल भुगतान (प्रिंसिपल पेमेंट) पर कटौती (धारा 80-C के तहत 1.5 लाख रुपये तक), इंटरेस्ट पर अतिरिक्त कटौती धारा 80-EEA, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज जिस साल भरा जाता है (80-C लिमिट का हिस्सा) और प्री कंस्ट्रक्शन इंटरेस्ट.
अगर आपकी पत्नी होम लोन में को-एप्लीकेंट और घर की को-ओनर हैं, तो आप दोनों अलग-अलग कर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. ताकी आपको ज्यादा फायदा मिल सके. व्यक्तिगत स्तर पर क्योंकि आप एक लिमिट तक ही टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
बांगड़ कहते हैं, “जब कोई घर लोन पर खरीदा जाता है, तो आपको EMI में लोन चुकाना पड़ता है और ऐसी वार्षिक EMI कुल मिलाकर 2 लाख रुपये से अधिक हो सकती हैं, लेकिन आप केवल 2 लाख रुपये तक ही इंटरेस्ट डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. बाकी EMI पर टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा. इसलिए, यदि आप पहले ही 80C डिडक्शन (1.5 लाख रुपये) की अपनी लिमिट पूरी कर चुके हैं, तो आप होम लोन के रीपेमेंट पर डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकते हैं और इसलिए ऐसे में इन क्लेम का फायदा नहीं उठा पाते.”
“मैक्सिमम लिमिट तक टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के लिए, आपको अपने जीवनसाथी को को-ओनर बनाने की जरूरत होगी. दोनों को-ओनर्स अलग-अलग इन डिडक्शन (कटौती) के लिए क्लेम कर सकते हैं.”
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