होम लोन (Home Loan) एक ऐसा बोझ होता है, जिसे हर कोई जल्दी से जल्दी उतार देना चाहता है. खासकर तब जब आपकी जेब में पैसा हो या कम ब्याज दर के साथ इक्विटी बाजार काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा हो. हालांकि, एक फाइनेंशियल कंफ्यूजन ये भी पैदा होता है: क्या आपके पास जो पैसे हैं, उनको निवेश कर देना चाहिए या उस रकम से लोन चुका देना चाहिए? क्या होम लोन चुकाने के लिए ये सही वक्त है?
फोरम शाह CFP के मुताबिक ” होम लोन (Home Loan) चुकाने का कोई सही या गलत वक्त नहीं होता है. अगर आपके कैश है तो आपको लोन चुकाना चाहिए. लेकिन ऐसा करने से पहले कई बातों पर ध्यान देना चाहिए जैसे भविष्य में कैश की जरूरत, मालिकाना हक वाली दूसरी संपत्तियों की तुलना में लोन की बकाया राशि कितनी है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या जो लोन आप चुका रहे हैं, वहां आप रह रहे हैं?”
आमतौर “लोगों का मानना है कि अगर लोन पर ब्याज निवेश से मिलने वाले रिटर्न से कम है तो प्रीपेमेंट की जगह रकम इनवेस्ट करें. हालांकि, इस फैसले को सही नहीं माना जाता है. इनवेस्टमेंट पर मिलने वाला रिटर्न आपके हाथों में नहीं आता है, जबकि लोन की ब्याज आपकी जेब से जाती है. इसलिए अपने सिर से कर्ज चुकाना ज्यादा बेहतर उपाय है.
अगर आपके पास अगर अतिरिक्त पैसा है तो लोन चुकाना ज्यादा बेहतर विकल्प है. लेकिन पैसा बाजार के होम लोन हेड रतन चौधरी के मुताबिक कभी भी अपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल लोन चुकाने के लिए नहीं करना चाहिए. खासकर जब आपने फंड अपने इमरजेंसी के दौर या निवेश के लिए रख रखा हो.
चौधरी ने बताया “अगर आप अपना इमरजेंसी फंड लोन चुकाने में लगा देंगे तो जरूरत पड़ने पर या आपात स्थिति में ज्यादा ब्याज दर पर पैसा उठाना पड़ेगा, जिसका असर आपके फाइनेंशियल गोल पर पड़ेगा. होम लोन लेने वालों को अपने न टाले जा सकने वाले फाइनेंशियल गोल को पूरा करने के लिए ऑनलाइन SIP कैलकुलेटर का उपयोग करना चाहिए. अगर निवेश करने के बाद आपके पास पैसे बचते हैं तो उनका इस्तेमाल आपको लोन चुकाने में करना चाहिए.”
होम लोन लेने वालों को हमेशा लोन लेने के पहले 5 सालों में प्रीपेमेंट करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह कुल ब्याज की रकम को काफी कम कर देता है.
लोन लेने वाले होम लोन के एक अन्य विकल्प को भी चुन सकते हैं जिसे होम सेवर कहा जाता है. लोन के दोहरे लाभ को हासिल करने के लिए और लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए होम लोन ओवरड्राफ्ट एक बढ़िया विकल्प हैं. इसके तहत, एक ओवरड्राफ्ट अकाउंट करेंट या सेविंग खाते के रूप में खोला जाता है और होम लोन खाते से जुड़ा होता है.
चौधरी के मुताबिक, जब भी होम लोन ग्राहक के सामने पैसे की कमी होगी तो वह ओवरड्राफ्ट अकाउंट से रकम की कमी को पूरी कर सकता है. इससे पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. मौजूदा होम लोन ग्राहक जो होम लोन ओवरड्राफ्ट विकल्प का लाभ उठाना चाहते हैं, वे या तो अपने मौजूदा लैंडर से इस विकल्प के बारे में पूछ सकते हैं, या अपने होम लोन को होम सेवर या होम लोन ओवरड्राफ्ट ऑप्शन ऑफर करने वाले दूसरे ग्राहकों को ट्रांसफर कर सकते हैं.
एक बेहद लोकप्रिय नियम है- अगर आप अपने होम लोन पर मौजूदा ब्याज दर से बेहतर टैक्स पोस्ट रिटर्न जेनरेट कर सकते हैं, तो प्रीपेमेंट न करें. लेकिन सवाल है कि क्या यह हमेशा एक बेहतर विकल्प साबित होता है?
जबकि होम लोन बाकी सभी क्रेडिट विकल्पों में सबसे कम ब्याज दरों में से एक है, उनकी ब्याज दरें अभी भी अधिकतर फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स से मिलने वाले प्री-टैक्स यील्ड से ज्यादा है.
चौधरी के मुताबिक “ज्यादा टैक्स स्लैब में आने वाले लोगों के लिए तमाम टैक्स हटाकर ज्यादातर फिक्स्ड इनकम, होम लोन पर लगने वाली ब्याज से बहुत कम होगी.इसलिए होम लोन के ग्राहकों हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि उनके पास मौजूद ज्यादा रकम से होम लोन चुकाए बल्कि कम रिटर्न वाले निवेश में लगाने की बजाए”
इस बीच, अगर हम बात इक्विटी की करें तो, एसेट क्लास के रूप में इक्विटी से रिटर्न की औसत दर आमतौर पर लंबी अवधि में होम लोन पर ब्याज दरों से अधिक होती है. इसलिए, होम लोन ग्राहकों को लोन का प्री-पेमेंट करने की खातिर अपने लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल हासिल के लिए अपनी मौजूदा इक्विटी निवेश या इक्विटी में ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन का बलिदान न करें.
तो, क्या ये एक बेहतर स्ट्रैटेजी हो सकती है कि आप निवेश से मिलने वाले रिटर्न से अपने होम लोन का प्री-पेमेंट करें. इसकी बजाए कि लोन प्री-पेमेंट के लिए अपनी बचत या बोनस को लगा दें. लेकिन ऐसा करने से पहले आपको एक बात ध्यान में रखनी होगी कि इक्विटी, इक्विटी फंड, डेट फंड और गोल्ड फंड में किए गए निवेश से होने वाली कमाई पर आपको टैक्स भी देना पड़ सकता है.
चौधरी के मुताबिक फिक्स्ड डिपोजिट को मैच्योर होने से पहले भुनाने पर आपको पेनल्टी का सामना भी करना पड़ सकता है. इसलिए ये ध्यान देने वाली बात है कि, प्री-पेमेंट करने के लिए भुनाए जाने वाले निवेश से होने वाली कमाई पर कुछ टैक्स और चार्ज भी देना पड़ सकता है.”
घर लेना किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक बड़ा फैसला होता है. कई बार पैसों की कमी के चलते अपने इस सपने का बलिदान भी देना पड़ जाता है. कई बार व्यक्ति के आर्थिक हालात ऐसे नहीं होते हैं कि वो होम लोन चुका सकें, ये हर किसी के लिए आसान काम नहीं हो सकता है. इसलिए कोशिश करनी चाहिे कि आप जितनी जल्दी कर्जमुक्त हो जाएं, उतना ही अच्छा है.
फोरम शाह के मुताबिक “जब कोई लोन चुकाने के बारे में सोचता है तो दूसरी आर्थिक जिम्मेदारियों और कैश की मौजूदगी के बारे में भी हमें ध्यान देना चाहिए. यदि कमाई स्थिर है, तो नियमित ईएमआई का भुगतान करते हुए प्री-पेमेंट करने से आपका टेन्योर कम हो जाता है. इसलिए लोन को चुकाना आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए.”
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