Woman Home Owner: अगर आप पत्नी के नाम पर घर खरीदना चाहते हैं तो आपको बहुत फायदे हो सकते हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले आपको कुछ बातों को ध्यान में लेना आवश्यक है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पत्नी के नाम घर या संयुक्त स्वामित्व होना अच्छा आइडिया है. लेकिन, पत्नी टैक्स छूट का फायदा तभी ले पाएगी, जब उसकी अलग आय का स्रोत हो. इतना ही नहीं, अगर कोई कानूनी विवाद होता है तो पत्नी और पति दोनों उसमें शामिल होंगे, इसलिए अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी संभावनाओं पर विचार कर लें.
तलाक हो जाए तो
तलाक के मामले में सेल डीड में पत्नी के शेयर के मुताबिक ही प्रॉपर्टी का बंटवारा होगा. इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि पत्नी ने फ्लैट की खरीद या लोन भुगतान में किसी तरह का योगदान दिया है या नहीं. कानून के मुताबिक, पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति में पति स्वामित्व का दावा कर सकता है बशर्ते संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया पैसा ज्ञात स्रोतों और कानूनी तरीकों से हो. पत्नी के नाम पर प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन है और भविष्य में प्रॉपर्टी को लेकर बवाल होता है तो पति का उत्तरदायित्व भी पत्नी जितना ही होता है.
इनकम सोर्स है जरूरी
बैंक और फाइनेंस कंपनियां महिलाओं को होम लोन के लिए डिस्काउंट रेट पर लोन देती हैं. महिलाओं को 1% तक कम रेट पर होम लोन मिल सकता है. लेकिन, पत्नी के नाम पर होम लोन लेने के लिए आपकी पत्नी के पास आय का स्रोत होना जरूरी है. बिना इनकम वाले को बैंक से लोन नहीं मिलता.
बैंक अकाउंट
यदि आपकी पत्नी घर से काम करती हैं और उन्हें कैश में इनकम होती है तो जहां से इनकम हो रही है उनसे बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवाने का आग्रह करें. होम लोन के लिए आवेदन करने पर आपकी इनकम कितनी नियमित है यह चेक करने के लिए आपका बैंक अकाउंट चेक किया जाता है इसलिए बैंक अकाउंट में पैसा जमा होना जरूरी है.
IT रिटर्न फाइल करना है जरूरी
अगर आपको पत्नी के नाम से होम लोन लेना है तो बैंक में पत्नी की इनकम के प्रूफ के साथ पिछले 3 सालों के इनकम टैक्स रिटर्न भी जमा करवाने पड़ते हैं. यदि आप पत्नी के नाम से लोन लेना चाहते हैं तो अभी से उनका रिटर्न फाइल करना शुरू कर दें.
रेंटल इनकम
यदि पत्नी हाउसवाइफ है और उसने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए अलग से वित्तीय सहायता नहीं दी है तो रेंटल इनकम को पति की इनकम के साथ जोड़ा जाएगा और उस पर स्टैंडर्ड टैक्स लगता है. यदि पति और पत्नी ने घर खरीदने के लिए आय को जोड़ा है तो उस प्रॉपर्टी की रेंट से होने वाली इनकम को अलग-अलग गिना जाएगा.
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन
आपकी पत्नी हाउसवाइफ है और उसके नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर करवाते हैं तो उसे बेनामी ट्रांजैक्शन माना जा सकता है, इसलिए बेहतर है कि को-ओनरशिप रखें.
टैक्स कानून
अगर पति और पत्नी जॉइंट ओनर्स हैं और अगर पत्नी की आय का अतिरिक्त स्रोत है तो दोनों अलग-अलग टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. टैक्स लाभ हर सह-स्वामी के स्वामित्व हिस्से पर निर्भर करेगा. महिलाओं के नाम पर घर ले रहे हैं तो पति और पत्नी दोनों सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स बेनेफिट का दावा कर सकते हैं. दोनों ब्याज पर 2 लाख रुपये और मूलधन पर 1.5 लाख रुपये का फायदा ले सकते हैं. इसलिए इस तरह से योजना बनाएं, जिससे दोनों को टैक्स में अधिकतम फायदा हो.
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