Health insurance लेने के बाद भी ऐसा क्या हुआ कि अंकित को भरना पड़ गया तगड़ा बिल? जानिए खास पोडकॉस्ट 'एक कहानी एक नसीहत' में अभिषेक गुप्ता के साथ.
आजकल ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा दे रही हैं. अगर आपके पास भी यह हेल्थ कवर है तो अपना खुद की हेल्थ पॉलिसी जरूरी खरीदनी चाहिेए नहीं तो आगे चलकर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, कैसे?
Group Insurance: आप अगर माता-पिता को नियोक्ता द्वारा दी जाने वाली ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी में नामांकित करते हैं, तो इसके कई एडवांटेज मिलते हैं.
अगर आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को पोर्ट करना चाहते हैं तो आपको नई पॉलिसी का प्रपोजल फॉर्म और पोर्टेबिलिटी फॉर्म भरना पड़ेगा
क्रिटिकल इलनेस प्लान आपके हेल्थ कवर को एक एक्स्ट्रा लेयर प्रोवाइड करता है. पहली लेयर एक बेसिक इंश्योरेंस पॉलिसी होनी चाहिए.
Health Insurance Tips: रीटेल हेल्थ इंश्योरेंस वेटिंग पीरियड में पहले से मौजूद बीमारियों के लिए कवर नहीं देते. ऐसे में ग्रुप इंश्योरेंस काम आ सकते हैं
ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इनमें वेटिंग पीरियड नहीं होता है. रेगुलर हेल्थ प्लान में यह अमूमन होता है.
पॉलिसी खरीदने के बाद से लेकर जब तक आप बीमा कंपनी से कोई लाभ का क्लेम नहीं कर सकते, उस अवधि को एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का वेटिंग पीरियड कहा जाता है.
आपके नाम से हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी इश्यू होने के बाद एंप्लॉयर से अपना यूनिक TPA कार्ड कलेक्ट करना न भूलें.