अलनीनो की वजह से भारत समेत पूरे एशिया में मानसून की बरसात पर असर पड़ता है
अल नीनो का आगामी रबी सीजन की फसलों पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका
शेयर बाज़ार के लिए अल नीनो बन सकता है शॉर्ट टर्म रिस्क फैक्टर का कारण
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान देने का तरीका बदला
अर्थव्यवस्था को तीन लाख करोड़ डॉलर के नुकसान की आशंका, भारत के लिए बना बड़ा खतरा
अब कितने महंगे होने वाले है Electric Vehicles? Goldman Sachs ने क्यों घटाई ESG पोर्टफोलियो में Adani की हिस्सेदारी? क्या El Nino से बढ़ जाएगी गर्मी? International Credit Card से खर्च पर कितना टैक्स? FIIs ने क्यों बढ़ाई भारत में शेयरों की खरीद? LIC के कारोबार को कैसे लगा झटका? Micro Finance Institutions पर क्यों है बैंकों की नजर? Adani को Goldman Sachs का झटका! क्या बढ़ने वाला है Mobile Tariff? आज के Money Central में इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा.
ऐतिहासिक आंकड़ों से पता चलता है कि अगर अल नीनो मजबूत या मध्यम तीव्रता स्तर का होता है तो भारत में कम वर्षा होने की लगभग 70 फ़ीसदी संभावना बनती है.
मौसम का वो भयानक इतिहास जिसने खत्म कर दी एक सभ्यता. इतिहास से अल नीनो को क्या है रिश्ता? सुनिए 'एक बार की बात है', अंशुमान तिवारी के साथ.
मानसून सीजन के दौरान बरसात अगर औसत के मुकाबले 90 फीसद या इससे कम रहे तो सूखाग्रस्त घोषित होता है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अधिक पेंशन के लिए शुरू किया क्या काम? क्यों मंडरा रहा है अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने का खतरा?