अलनीनो की वजह से इस साल खरीफ फसलों के उत्पादन पर असर न पड़े, इसके लिए समय रहते सरकार पहले से योजना तैयार कर रही है. इस तहत किसानों को फसलों के बारे में एडवायजरी जारी की जाएगी और समय समय पर मौसम का अपडेट दिया जाएगा. इसके लिए कृषि मंत्रालय मौसम विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है. आशंका है कि इस बार मानसून सीजन के दौरान मौसमीय घटनाक्रम अलनीनो का प्रभाव दिखेगा, जिस वजह से मानसून सीजन में बरसात की कमी रह सकती है. खुद मौसम विभाग ने भी इस साल मानसून सीजन के दौरान अलनीनो की आशंका जताई है. उधर मौसम का आकलन करने वाली निजी संस्था स्काईमेट के सीईओ जतिन सिंह ने कहा है कि इस बार मानसून सीजन के दौरान सूखा पड़ने की संभावना 60 फीसद है. मानसून सीजन के दौरान बरसात अगर औसत के मुकाबले 90 फीसद या इससे कम रहे तो सूखाग्रस्त घोषित होता है.
मौसम विभाग ने इस साल मानसून सीजन के लिए जो अनुमान जारी किया है, उसमें 16 फीसद संभावना सूखे की जताई है. हालांकि मौसम विभाग के अनुमान में कुल मिलाकर पूरे सीजन के दौरान सामान्य मानसून की भविष्यवाणी की गई है. मौसम विभाग ने पूरे सीजन में 96 फीसद बरसात का अनुमान जारी किया है. लेकिन स्काइमेट ने मानसून सीजन में सामान्य से कम बरसात का अनुमान लगाया है, स्काइमेट का मानना है कि मानसून सीजन में 94 फीसद बरसात होगी. मानसून सीजन में 90-95 फीसद बरसात होने पर सामान्य से कम बारिश मानी जाती है, जबकि 96 फीस स 104 फीसद बरसात होने पर सामान्य मानसून कहा जाता है.
पिछले साल देश में मानसून सीजन के दौरान वैसे तो सामान्य बरसात हुई थी लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में कई जगहों पर सामान्य के मुकाबले बहुत कम बरसात हुई थी जिस वजह से इन राज्यों खरीफ फसलों, खासकर धान की फसल पर खराब असर पड़ा था और पैदावार घट गई थी. इस बार क्योंकि अलनीनो की वजह से मानसून सीजन में बरसात की कमी की आशंका बढ़ गई है, ऐसे में सरकार समय रहते कदम उठा रही है, ताकि खरीफ फसलों पर ज्यादा मार न पड़े. यही वजह है कि किसानों के लिए फसल एडवायजरी और मौसम अपडेट की तैयारी हो रही है.