Manufacturing PMI: ये सूचकांक जुलाई 2020 के बाद पहली बार 50 अंक से नीचे गिर गया. 50 से नीचे का आंकड़ा मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में संकुचन को दर्शाता
हम आजादी के बाद की सबसे बड़ी उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि देश एक बार फिर 1991 की तरह से एक दोराहे पर आ खड़ा हुआ है.
Barclays ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले अधिक है.
Moody's Growth Forecast: इस महीने की शुरुआत में मूडीज ने मौजूदा फिस्कल में भारत की ग्रोथ के 9.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया था.
सुब्रह्मण्यम ने कहा कि किसी भी नए पैकेज की मांग पर विचार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2021-22 में किए उपायों के संदर्भ में किया जाएगा.
केयर इकनॉमी में बड़े मौके हैं और सही पॉलिसी से एक ईकोसिस्टम तैयार करने में मदद मिलेगी जो अर्थव्यवस्था को मुश्किल दौर से निकाल सकता है.
आंकड़ों के मुताबिक, फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) ने 1 जून से 4 जून के बीच भारतीय शेयर बाजार में 7,968 करोड़ रुपये लगाए हैं.
United Nations: रिपोर्ट में कहा गया है कि टीकाकरण और बड़े स्तर पर वित्तीय खर्च के कारण 2021 के अंतिम छह महीनों में असामान आर्थिक सुधार होने की संभावना है.
CMIE का सर्वे दिखा रहा है कि देश में 97% लोगों की कमाई एक साल पहले के मुकाबले कम हो चुकी है, करीब 1 करोड़ लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं.
कंपनियों को फिलहाल सादगी या पैसे बचाने के उपायों को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहिए. खराब अर्थव्यवस्था कारोबार के लिए भी बुरी होती है.