
लू, सूखा, जंगल में लगने वाली आग और तूफान जैसे जलवायु परिवर्तन के खतरों से श्रमिक सबसे ज्यादा जूझ रहे हैं

साल 2100 तक जलवायु परिवर्तन से होने वाला नुकसान भारत के जीडीपी के 35 फीसद से ज्यादा हो सकता

ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर की रिपोर्ट के अनुसार कोयले की कमी होने के बाद पूरे एशिया में तेजी से कोयले में निवेश हुआ है.

Carbon: कई देश गैस में निवेश करना बेहतर समझ रहे हैं. एशिया के पूर्वी, दक्षिण पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में नेचुरल गैस प्रोजेक्टस में निवेश बढ़ रहा है.

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगले 20 साल में जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी 1.5 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो जाएगी.