बीमा की राशि कितनी हो यह तो आपकी जिम्मेदारियों, जरुरतों और भविष्य के वित्तीय लक्ष्य के आधार पर तय होता है
दावों के निपटान में होने वाली देरी से अधिकांश बीमाधारक हैं नाखुश
बीमा राशि का भुगतान तभी होता है जब सभी गतिविधियां प्रशिक्षित पेशेवरों की निगरानी में की गई हों और ट्रेनर के बताए सभी नियमों का पालन किया हो.
लोग बीमा लेने से पहले कइ जानकारियां कंपनी से लेते हैं, लेकिन इन जानकारी को अपने नॉमिनी को देने में सुस्ती करते हैं.
आप पूरे वित्त वर्ष में जीवन बीमा पॉलिसी के लिए जो प्रीमियम चुकाते हैं उस रकम पर Income Tax कानून 1961 के सेक्शन 80C के तहत कर छूट पा सकते हैं.
अस्पताल के बिलों के एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान करने की सहमति देने पर आपको हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम को कम करने का ऑप्शन देता है.
सेटलमेंट रेशियो का ज्यादा होना बहुत जरूरी होता है. ज्यादा सेटलमेंट रेशियो का मतलब है कि बीमा कंपनी ने ज्यादा क्लेम का निपटारा किया है.
इंश्योरेंस में मिस-सेलिंग काफी प्रचलित है. क्योंकि एंडोमेंट प्लान में कमीशन ज्यादा होता है. कुछ बीमा एजेंट पॉलिसी के बारे में अच्छी तरह बताते नहीं हैं
इस योजना के तहत, एसबीआई जनरल पंजाब में 40 लाख से अधिक पात्र परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराएगी
नॉमिनी नहीं होने पर इंश्योरेंस पॉलिसी क्लेम किया जा सकता है. कानूनी उत्तराधिकारी नॉमिनी नहीं होने की सूरत में पॉलिसी क्लेम कर सकता है.