चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी 2024-25 में अप्रैल से सितंबर के बीच देश के सरकारी बैंकों ने 42,000 करोड़ रुपए का कर्ज Write Off यानी बट्टे खाते में डाला है. बैंकों ने क्यों उठाया यह कदम? लोन की रकम कब की जाती है Write Off? क्या इस कदम के बाद कर्ज की देनदारी खत्म हो जाती है? जानने के लिए देखें यह वीडियो-
कई बार बैंक लोन पर एक्सट्रा इंटरेस्ट भी लगा देते हैं. क्यों और कैसे लगता है ये एक्सट्रा इंटरेस्ट? कैसे बचें इस तरह की परेशानी से?
मंजूरी लेना अनिवार्य करने के बाद बैंकों के लिए ईडी/सीबीआई जांच का सामना करने वाली या बैड लोन वाली कंपनियों को कर्ज देना मुश्किल हो जाएगा.
RBI की गाइडलाइंस के अनुसार बैंक मकान की कीमत की एक तय सीमा तक ही लोन दे सकते हैं.
उधार के इस बढ़ते चलन की वजह से 2023 में क्रेडिट कार्ड का बकाया छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है
एजुकेशन लोन चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 20.6% तक बढ़कर 1,10,715 करोड़ तक पहुंच गई है
क्या सड़क दुर्घटना पीड़ितों का होगा मुफ्त इलाज? अनलिमिटेड 5G को लेकर TRAI ने JIO-Airtel को क्या कहा? फिर से क्यों बढ़ने लगी अनबिके मकानों की खेप? मोटे अनाज क्यों हो गए महंगे? क्या रूस से गेहूं आयात करने जा रहा है भारत? बैंकों का कितना कर्ज डूबा? आज के Money Central में इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा.
कर्ज लेने वालों के आवेदन की सत्यता जांचने के लिए बैंकों ने सरकार से मांगा आयकर रिटर्न का एक्सेस
नई दरें 7 नवंबर, 2023 से लागू हैं. बैंक की नवीनतम एमसीएलआर बढ़कर 8.65 प्रतिशत से 9.30 प्रतिशत के बीच हो गई है
बैंक की ओवरनाइट MCLR बढ़ा दी गई है और अब बैंक 9.25 फीसद से 8.55 फीसद के बीच कर्ज दे रहा है.