बैंक जल्द ही अपने कर्ज को सुरक्षित बनाने के लिए ग्राहकों की छानबीन करने का नया तरीका अपना सकते हैं. बैंकों ने ऋण आवेदन में किए गए दावों की सत्यता जांचने के लिए नेशनल सिक्यूरिटी डिपोजिटरी लिमिटेड (NSDL) के जरिये ऋण आवेदनकर्ता के आयकर रिटर्न तक पहुंच के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है. बैंकों ने ऐसे कई मामलों का उदाहरण दिया है, जिसमें आवेदनकर्ताओं ने फर्जी दस्तावेजों के साथ अपनी आय को बढ़ाचढ़ाकर या गलत बताया है. इससे बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं. इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बैंकों ने ये पहल की है. सूत्रों के मुताबिक बैंकों ने पिछले महीने आयकर रिटर्न के ऑनलाइन सत्यापन के लिए आयकर विभाग के साथ या एनएसडीएल के माध्यम से सीधे एकीकरण की मांग की थी.
बैंकों ने यह कदम तब उठाया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने बढ़ते असुरक्षित ऋण पर चिंता जताई है. पिछले सप्ताह केंद्रीय बैंक ने असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण, क्रेडिट कार्ड और एनबीएफसी को उधार देने पर जोखिम भार 25 फीसद तक बढ़ा दिया है. वर्तमान में, आयकर रिटर्न के ऑनलाइन सत्यापन के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. एक बैंक अधिकारी का कहना है कि आयकर रिटर्न में घोषित आय का ऑनलाइन सत्यापन कर्ज की मंजूरी देने में एक महत्वपूर्ण पहलू हो सकता है.
आयकर रिटर्न के ऑनलाइन सत्यापन की व्यवस्था बन जाने के बाद बैंक रिपोर्टिंग पोर्टल पर लॉग इन कर सकेंगे. ये व्यवस्था ठीक वैसे ही काम करेगी, जैसे अभी पैन के ऑनलाइन सत्यापन के लिए प्रोटीन ईगॉव टेक्नोलॉजीज के लिए काम करती है.
ऋण देने वाले बैंकों का कहना है कि बड़े और छोटे मूल्य के ऋण ग्राहकों ने अपनी उधार सीमा बढ़ाने के लिए डेटा में हेराफेरी का सहारा लिया है. पिछले साल शिकायत मिलने के बाद, कैन फिन होम्स ने राजस्थान में अपनी भीलवाड़ा शाखा में 37 ऐसे खातों का पता लगाया था, जिनमें नकली आईटीआर के सहारे ऋण लिया गया था.
एक अन्य बैंक के कार्यकारी का कहना है कि आयकर रिटर्न तक पहुंच मिलने से ऋण देने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी. इससे पात्र ग्राहकों की पहचान सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और कर्ज के वितरण में भी तेजी आएगी.
रिटर्न दाखिल करने वालों की बढ़ी संख्या
रिटर्न दाखिल करने वाले करदाताओं की बढ़ती संख्या के साथ, बैंकों को डेटा तक पहुंच से लाभ होगा. व्यक्तियों की ओर से दाखिल आयकर रिटर्न आकलन वर्ष 2021-22 में लगभग दोगुना होकर 63.7 मिलियन हो गया, जो 2013-14 में 33.6 मिलियन था. वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने एक बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भी, मूल्यांकन वर्ष 2023-24 के लिए अब तक 7.41 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जिनमें 53 लाख नए पहली बार दाखिल करने वाले भी शामिल हैं.
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