इनकम टैक्स एक्ट, 1961 का सेक्शन 80C प्रॉपर्टी खरीदते समय स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज के तौर पर चुकाई गई रकम पर छूट देता है.
लोग टैक्स से जुड़े सवाल पूछने में हिचकिचाते हैं. उन्हें लगता है कि फाइनेंशियल इयर और असेसमेंट इयर के अंतर जैसे सवाल पूछने पर सामनेवाला क्या सोचेगा.
80C के तहत, आपकी कुल आय से 1.5 लाख रुपये पर कटौती का दावा किया जा सकता है. 80C के तहत इन्वेस्टमेंट की कुछ संभावनाएं शर्तों के साथ आती हैं.
अगर आप केवल MF में निवेश करेंगे तो टैक्स छूट नहीं मिलेगी लेकिन अगर आप ELSS में निवेश करेंगे तो 80C के तहत 1.5 लाख के डिडक्शन के हकदार होंगे.
पिछले करीब 7 साल से टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जुलाई 2014 में यह सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी.