‘ट’ से टैक्स और ‘ट’ से टेंशन भी. टैक्स का नाम आते ही इसके साथ टेंशन होना भी आम है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम टैक्स से डरते हैं. Labour Law Advisor YouTube चैनल के फाउंडर ऋषभ जैन के मुताबिक, टैक्स से भागने की जगह अगर इसे लोग समझने लगें तो बिना किसी प्रोफेशनल मदद के खुद ही अपना रिटर्न फाइल कर पाएंगे.
इनकम टैक्स के प्री-फील्ड फॉर्म में टैक्सपेयर को बहुत सारी जानकारी भरकर मिलने वाली है. इसलिए खुद रिटर्न भरना आसान होता जा रहा है.लोग टैक्स से जुड़े सवालों को पूछने में हिचकिचाते हैं. उन्हें लगता है कि फाइनेंशियल इयर और असेसमेंट इयर के अंतर जैसे सवाल पूछने पर सामने वाला सोच सकता है कि क्या इन्हें इतना भी नही आता. इस हिचकिचाहट के चलते सवालों की लिस्ट लंबी होती चली जाती है.
टैक्स के अलग-अलग टर्म के अंतर को समझिए
Financial Year और Assessment Year के बीच में क्या फर्क होता है? ऋषभ बताते हैं कि जिस साल आप कमाई करते हैं वो फाइनेंशियल इयर होता है और अगले साल आप इसका रिटर्न भरते हैं जो कि असेसमेंट इयर होता है. इस तरह के बेसिक सवाल को पूछने में लोग कतराते हैं और हमेशा कंफ्यूज रहते हैं.
इसी तरह डिडक्शन और एग्जेंप्शन को लेकर भी टैक्सपेयर उलझे रहते है. डिडक्शन वो छूट है जो आप बचत करके ले सकते हैं और एग्जेंप्शन वो होती है जो सरकार कई तरह के खर्चों पर देती है.
अगर इस तरह के टैक्स से जुड़े सवाल आपको भी परेशान करते हैं तो Labour Law Advisor के फाउंडर ऋषभ जैन का ये वीडियो जरूर देखें जिसमें टैक्स से जुड़े 9 Confusion हो रहे हैं दूरः