पोस्ट ऑफिस से अपना पैसा निकालने पर भी टैक्स देना होगा. एक वित्तीय वर्ष में अगर आप 20 लाख रुपए से ज्यादा की निकासी करेंगे तो 2% से 5% तक TDS वसूला जाएगा. ये नियम सबसे पॉपुलर स्कीम PPF पर भी लागू होगा. सवाल ये है कि सरकारी खजाना भरने के लिए आम आदमी की जेब काटना कितना सही है? पहले बचत पर टैक्स, फिर ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स और अब पैसा निकालने पर भी टैक्स वूसला जाएगा. ऐसे तो सरकारी स्कीम का आकर्षण कम हो जाएगा.
पोस्ट ऑफिस ने स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) को लेकर नए नियम जारी किए हैं. पोस्ट ऑफिस (Post) की सभी स्कीम से 20 लाख रुपए से ज्यादा कैश निकालने पर TDS चुकाना होगा. नया नियम सबसे पॉपुलर स्कीम पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) पर भी लागू होगा. हालांकि, ये तब वसूला जाएगा, जब निवेश करने वाले ने पिछले तीन असेसमेंट ईयर का रिटर्न दाखिल न किया हो. नया नियम इनकम टैक्स एक्ट, 1961 (Income Tax Act 1961) के सेक्शन 194N के तहत नए प्रावधानों के मुताबिक है.
इनकम टैक्स एक्ट में जोड़ा गया नया सेक्शन दरअसल, इनकम टैक्स एक्ट 1961 में एक नया सेक्शन 194N जोड़ा गया है. इस सेक्शन में किए गए प्रावधानों के मुताबिक, अगर पोस्ट ऑफिस में निवेश करने वाले ने पिछले तीन असेसमेंट ईयर (AY) का इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return) दाखिल नहीं किया तो एक वित्त वर्ष में पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स से 20 लाख रुपए से ज्यादा की निकासी पर Tax Deduction at Source लगेगा. 20 लाख से ऊपर निकाली गई राशि पर 2% की दर से TDS काटा जाएगा.
1 करोड़ से ज्यादा निकासी पर 5% कटेगा TDS अगर कोई निवेशक एक वित्त वर्ष में पोस्ट ऑफिस की सभी स्कीम से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की कैश निकासी करता है तो 1 करोड़ से ज्यादा की राशि पर 5% की दर से TDS काटा जाएगा. यह तभी लागू होगा जब निवेशक ने ITR फाइल न किया हो. यह बदलाव अभी तक लागू नहीं किए गए थे. बता दें कि फाइनेंस बिल 2019 के मुताबिक, कोई निवेशक एक ही बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक, पोस्ट ऑफिस में मौजूद सभी अकाउंट को मिलाकर एक वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा के किए गए कैश विड्रॉल पर TDS काटे जाने का प्रावधान है.
Must Read: बड़े काम की हैं Post Office की ये 4 स्कीम, निवेश पर मिलता है डबल फायदा CEPT करेगा डाकघरों की मदद पोस्ट ऑफिस को Tax Deduction at Source (TDS) कटौती में मदद का जिम्मा सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पोस्टल टेक्नोलॉजी (CEPT) का है. सीईपीटी को ही ऐसे डिपॉजिटर्स की पहचान करने को कहा गया है, जो 20 लाख या उससे की निकासी करते हैं. CEPT टेक्नोलॉजी की मदद से संबंधित सर्किल्स को जरूरी जानकारी देगा कि जमाकर्ता की खाता संख्या, पैन, कितना TDS कटना है. ऐसे जमाकर्ता का संबंधित पोस्ट ऑफिस TDS काटेगा और इस बारे में अकाउंट होल्डर को भी जानकारी देगा.
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