Section 80CCH: इनकम टैक्स भरने वालों के लिए जरूरी खबर है. आयकर विभाग ने आईटीआर फॉर्म-1 में बड़े बदलाव किए हैं जिसका सीधा असर टैक्सपेयर्स पर पड़ेगा. नए नियम के तहत अग्निवीर कॉर्पस फंड में निवेश करने वाले करदाताओं को बड़ा लाभ मिलेगा. फाइनेंस एक्ट 2023 के जरिए एक नया सेक्शन, धारा 80CCH शामिल किया गया है. यह सेक्शन खास तौर से अग्नीवीरों के लिए है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 14 जून 2022 को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की थी. इस स्कीम के तहत नौजवानों को सिर्फ 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी. इस योजना के आने के बाद इसका समर्थन कम और विरोध ज्यादा हुआ था.
धारा 80CCH उन टैक्सपेयर्स को टैक्स कटौती का लाभ उठाने का मौका देगी जिन्होंने अग्निपथ योजना में नामांकन करवाया है और 1 नवंबर 2022 को या उसके बाद अग्निवीर फंड में रकम जमा किया है. इस बदलाव को लागू करने के लिए, ITR फॉर्म 1 को अपडेट किया गया है ताकि अग्निवीरों को धारा 80CCH के तहत कटौती का लाभ दिया जा सके.
जो व्यक्ति अग्निपथ स्कीम के तहत कार्यरत हैं, वह सेवानिधि (SevaNidhi) के पात्र हैं. यह एक निश्चित राशि है जो 4 साल की सेवा की समाप्ति के बाद अग्निवीरों को दी जाती है. इसके लिए अग्निवीरों को अपनी मासिक कमाई का 30 फीसदी अग्निवीर कॉर्पस फंड में अनिवार्य रूप से डालना होगा. इसमें केंद्र सरकार भी समान राशि का योगदान करेगी. ब्याज सहित यह राशि मैच्योरिटी पर लगभग 10.04 लाख रुपये हो जाती है.
गौरतलब है कि टैक्सपेयर्स को नई और पुरानी टैक्स रिजीम चुनने का मौका दिया जा रहा है. अगर कोई टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रिजीम का विकल्प नहीं चुनता है तो वह न्यू टैक्स रिजीम के अंतर्गत चला जता है. दरअसल, न्यू टैक्स रिजीम बाय डिफ़ॉल्ट विकल्प है. यानी टैक्सपेयर्स अपनी मर्जी से टैक्स व्यवस्था चुन सकते हैं. न्यू टैक्स रिजीम आने के बाद फाइनेंस एक्ट 2023 के जरिए धारा 115बीएसी में बदलाव कर नई कर व्यवस्था को Default टैक्स व्यवस्था बना दिया गया. पुरानी टैक्स व्यवस्था के लिए टैक्सपेयर्स को धारा 115बीएसी से बाहर निकलने का ऑप्शन चुनना होगा.
आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फॉर्म्स जारी कर दिया है. करदाताओं ने आईटीआर भरने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है. टैक्सपेयर्स 31 जुलाई, 2024 तक आईटीआर फॉर्म भरा जाएगा. आयकर विभाग अलग-अलग टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग Tax Form जारी करता है. यह आमतौर पर टैक्सपेयर की इनकम के सोर्स और पेशे के आधार पर तय होता है इनमें कि उन्हें कौन सा फॉर्म भरना होगा. सबसे आम फॉर्म है आईटीआर-1.
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