STCG: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को बजट पेश किया था. इसमें शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स 15 फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी कर दिया गया था. STCG तब लगाया जाता है जब आप एक साल के भीतर अपना एसेट बेच कर मुनाफा कमाते हैं. अब चर्चा इस बात की है कि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स में और बढ़ोतरी करने पर सरकार विचार कर सकती है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि आगामी वर्षो में सरकार STCG टैक्स में बढ़ोतरी करने पर विचार कर सकती है. अधिकारी के अनुसार, शेयरों और म्यूचुअल फंडों से शॉर्ट टर्म में (एक साल से कम अवधि में) की गई कमाई की तुलना निवेश से नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि मौजूदा 20 फीसदी का शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स उचित तो है लेकिन यह और अधिक भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि STCG टैक्स बढ़ने से न तो अर्थव्यवस्था और न ही पूंजी बाजार पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि विशेष वित्तीय परिसंपत्तियों पर होने वाले शॉर्ट टर्म लाभ पर 15 फीसदी की जगह 20 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा. जबकि, दूसरी वित्तीय परिसंपत्तियों पर टैक्स की मौजूदा दरें ही लागू रहेंगी. बजट में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) में भी इजाफा किया गया था. फ्यूचर्स ट्रेडिंग के लिए इसे 0.0125 फीसदी से बढ़ा कर 0.02 फीसदी कर दिया गया. वहीं, ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए इसे 0.0625 फीसदी से बढ़ा कर 0.1 फीसदी कर दिया गया है.
बजट में भले ही STCG टैक्स या STT में बढ़ोतरी की गई हो लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया से साफ जाहिर होता है कि प्रतिभागी इसे अपना रहे हैं. पूंजी बाजार नियामक सेबी के अध्ययन में यह बात सामने आई थी कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में हुए 90 फीसदी ट्रेड में नुकसान ही हुआ है.