TDS on Dividend: डिविडेंड से कमाई पर अब डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स नहीं लगता बल्कि इसपर TDS काटा जाता है. कंपनियां मुनाफे के साथ शेयरधारकों के लिए डिविडेंड जारी करती हैं. साथ ही म्यूचुअल फंड के डिविडेंड विकल्प पर भी हर डिविडेंड निवेशक के खाते में आता है. जहां पहले कंपनी डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स देकर डिविडेंड बांटा करती थी, वहीं अब निवेशक के हाथ में ये टैक्सेबल है. डिविडेंड से हुई कमाई पर कितना TDS कटेगा, PAN कार्ड की जानकारी ना देने पर कितना टैक्स लगेगा, किसपर टैक्स नहीं लगेगा और रिटर्न भरते वक्त इसका क्लेम कैसे लिया जाए, आज यही बताएंगे.
अगर एक वित्त वर्ष में आपकी डिविडेंड से कमाई 5 हजार रुपये से कम है तो उसपर TDS नहीं देना होगा. वहीं, अगर इससे ज्यादा आय हुई है तो इस रकम पर 10 फीसदी टैक्स कटेगा. दूसरी ओर अगर निवेशक ने PAN की जानकारी साझा नहीं की है या आधार से लिंक नहीं है तो इसपर 20 फीसदी TDS लग सकता है.
अगर नॉन-रेजिडेंट (NRI) हैं और जरूरी कागजात नहीं दिए हैं तो उनपर 20 फीसदी TDS के साथ ही सरचार्ज और सेस की भी देनदारी होगी.
वित्त वर्ष 2021 से पहले कंपनियों को डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स देना होता था.
ध्यान रहे कि डिविडेंड म्यूचुअल फंड से हुई कमाई भी इसमें शामिल हैं.
टैक्सपेयर डिविडेंड पर दिए TDS पर इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त क्लेम भर सकता है. ये उम्मीद है कि इनकम टैक्स के नए फॉर्म में डिविडेंड की इनकम भी पहले से भरी हुई आएगी. वित्त वर्ष 2021 से हर भारतीय कंपनी के शेयरों पर मिले डिविडेंड पर टैक्स देनदारी बताई गई है.
इससे पहले इनकम टैक्स रिटर्न में डिविडेंड “एक्जेंप्टेड इनकम” में दिखाया जाता था जबकि अब ये रकम ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस (Income From Other Sources)’ के तहत दिखानी होगी.
टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन का कहना है, “1 अप्रैल 2020 के बाद से 31 मार्च 2021 तक हुई डिविडेंड की कमाई पर इस बार के इनकम टैक्स रिटर्न में जानकारी देनी होगी. ITR भरते वक्त फॉर्म 26AS में ये जानकारी दी होगी कि किस कंपनी से कितना डिविडेंड मिला है और उसपर कितना टैक्स कटा है. अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से कम है तो इस TDS का आपको रिफंड मिल जाएगा लेकिन अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपकी टैक्स देनदारी ज्यादा है.”