Tax Saving: टैक्स बचाने के लिए आखिरी दो हफ्ते बचे हैं और अगर अब भी इन्वेस्टमेंट नहीं किया तो आपकी जेब से ज्यादा टैक्स जा सकता है. होम लोन और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम के अलावा इन निवेश विकल्पों के जरिए भी आप टैक्स बचा सकते हैं. कई लोग साल भर निवेश ना कर आखिरी समय पर ये प्लानिंग करते हैं और ऐसे में जल्दबाजी मे गलती होने की भी संभावना रहती है. अक्सर टैक्स बचत वाले विकल्पों में लॉक-इन होता है और इसलिए ऐसी कोई भी गलती भारी पड़ सकती है.
ये म्यूचुअल फंड की वो स्कीम है जिसमें किया गया निवेश सेक्शन 80C के तहत छूट में आता है. ELSS में ना सिर्फ बेहतर रिटर्न मिलते हैं बल्कि इसका लॉक-इन भी अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों (Tax Saving Options) की तुलना में कम है. इसमें 3 साल का लॉक-इन है और ये इक्विटी यानि शेयर बाजार से जुड़े विकल्पो में निवेश करता है. इक्विटी निवेश होने की वजह से उनमें रिटर्न अक्सर बेहतर रहता है. हालांकि, क्योंकि आपके पास सिर्फ दो हफ्ते बचे हैं तो आप इसमें एकमुश्त रकम डाल सकते हैं. ध्यान रहे, सेक्शन 80C के तहत कुल 1.5 लाख रुपये की ही छूट संभव है जिसमें PPF जैसे विकल्प भी शामिल हैं. वहीं अगर आप अगले वित्त वर्ष इसमें निवेश शुरू करना चाहें तो किसी भी अन्य म्यूचुअल फंड जैसे SIP कर सकते हैं. लेकिन हर SIP से खरीदी यूनिट पर 3 साल का लॉक-इन होगा यानि हर SIP का 3 साल का लॉक-इन पूरा करना होगा.
किसी भी अन्य म्यूचुअल फंड की स्कीम की तरह इसे भी सीधे फंड हाउस की वेबसाइट या डिस्ट्रिब्यूटर्स से खरीदा जा सकता है.
टैक्स सेविंग निवेश विकल्पों में NPS एक बेहतरीन ऑप्शन है. इसमें ना सिर्फ सेक्शन 80C से अलग टैक्स बचत (Tax Saving) कर सकते हैं बल्कि इसके जरिए रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग भी कर सकते हैं. हालांकि NPS से आप रिटायरमेंट पर ही पैसे निकाल पाएंगे और जमा हुए इस कॉरपस के 40 फीसदी का एन्युटी प्लान खरीदना होता है. इस एन्युटी प्लान से पेंशन की सुविधा होती है.
NPS में निवेशकों को अपने जोखिम के मुताबिक इन्वेस्टमेंट मिक्स चुनने का विकल्प होता है. निवेशकों के पास पेंशन फंड मैनेजर चुनने का भी विकल्प है. वहीं इसमें फंड मैनेजमेंट फीस सिर्फ 0.01 फीसदी है.
सेक्शन 80CCd(1b) के तहत इसमें 50 हजार रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट है. वहीं अगर इंप्लॉयर भी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी तक NPD खाते में जमा करता है तो इस रकम पर भी सेक्शन 80CCD(2) के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं.
पहले बताई गई दो स्कीमों में शायद सीनियर सिटीजन निवेश ना कर सकें. NPS में सीनियर सिटीजन के लिए स्कोप नहीं तो वहीं ELSS में इक्विटी निवेश होने की वजह से जोखिम ज्यादा है जो सीनियर सिटीजन अक्सर नहीं लेना चाहते हैं. ऐसे में उनके लिए सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम बड़े काम की है. मार्च तिमाही के लिए इसपर 7.4 फीसदी का ब्याज तय किया गया है जो अन्य छोटी बचत योजनाओं के विकल्पों से ज्यादा ही है. बेहतर रिटर्न के साथ ही इसपर मिलती है 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट (Tax Saving). इन्हें ऑपरेट करना भी अन्य के मुकाबले आसान है जिससे बुजुर्गों के लिए सहूलियत होती है. हालांकि इसमें एक व्यक्ति अधिकतम 15 लाख रुपये निवेश कर सकता है.