गिफ्ट पर कब लगता है टैक्स, कब मिलती है छूट, यहां मिलेगा आपके हर सवाल का जवाब

गिफ्ट में मिलने वाली किसी भी तरह की चल या अचल (प्रॉपर्टी, जमीन वगैरह) संपत्ति पर आयकर कानून के सेक्शन 56 के तहत टैक्स और राहत दी गई है.

Expensive gifts you get on Diwali, don't reduce your happiness, may have to pay tax

image: Pixabay, गिफ्ट को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्‍शन 56 (2) में शामिल किया है.

image: Pixabay, गिफ्ट को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्‍शन 56 (2) में शामिल किया है.

गिफ्ट लेना सबको पसंद है, लेकिन गिफ्ट पर टैक्स चुकाना पड़े तो? ये किसी को पसंद नहीं. गिफ्ट से जुड़े आयकर नियमों को जान लेना चाहिए वर्ना आपको गिफ्ट पर भारी टैक्स चुकाने की नौबत आ सकती है. एक सीमा से ज्यादा नकद या चेक के रूप में गिफ्ट मिलता है तो उस पर टैक्स चुकाना पड़ता है. गिफ्ट में मिलने वाली किसी भी तरह की चल (शेयर, गहने, आर्ट वगैरह) या अचल (प्रॉपर्टी, जमीन वगैरह) संपत्ति पर आयकर कानून के सेक्शन 56 के तहत टैक्स और राहत दी गई है.

गिफ्ट टैक्‍स

गिफ्ट को इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 56 (2) में शामिल किया है. एक वित्त वर्ष में अगर आपको 50,000 रुपये तक मिलता है तो इस पर कोई टैक्‍स नहीं देना होगा. हालांकि, अगर 50,000 रुपये से ज्‍यादा रकम गिफ्ट के तौर पर मिलती है तो इस पूरी रकम पर टैक्‍स देना होगा. इसे इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस (अन्य जरियों से आमदनी) माना जाएगा और आपको अपनी टैक्‍स स्‍लैब के आधार पर टैक्‍स देना होगा.

कौन से गिफ्ट हैं टैक्स-फ्री

कुछ गिफ्ट को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है. जैसे शादी में मिलने वाले तोहफे टैक्स फ्री हैं. वसीयत या विरासत के जरिए शादी पर रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट्स पर टैक्स नहीं लगाया जाता है. वसीयत में मिलने वाली कोई चीज भी टैक्स के दायरे से बाहर है. अगर कोई शख्स मरने से पहले किसी को गिफ्ट में कुछ देता है वह भी टैक्स फ्री है, वहीं रिश्तेदारों से मिलने वाले उपहार भी टैक्स-फ्री हैं.

इन रिश्तेदारों के दिए गिफ्ट पर नहीं लगेगा टैक्स 

इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्‍शन 56 के तहत रिश्‍तेदारों से मिलने वाले गिफ्ट टैक्‍स छूट के दायरे में आते हैं. पति, पत्‍नी, भाई, बहन, पति और पत्‍नी के भाई-बहन, मामा-मामी, चाचा-चाची समेत खून के रिश्‍ते वालों से मिलने वाला गिफ्ट भी टैक्‍स छूट के दायरे में आता है. इन लोगों से मिले किसी भी प्रकार के गिफ्ट पर टैक्‍स नहीं लगता है. लेकिन, दोस्‍त रिश्‍तेदारों की श्रेणी में नहीं आते हैं और ऐसे में इनसे मिलने वाले गिफ्ट पर टैक्‍स लगता है.

गिफ्ट में प्रॉपर्टी मिले तो

प्रॉपर्टी गिफ्ट के तौर पर देने के लिए ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के तहत एक रजिस्टर्ड डॉक्युमेंट तैयार कराना पड़ता है, जिस पर उस शख्स के दस्तखत होते हैं, जो प्रॉपर्टी गिफ्ट में दे रहा है.

अगर आपको कोई ऐसी चीज गिफ्ट में मिलती है, जिससे आपको भविष्‍य में इनकम मिलती है तो इस इनकम पर भी आपको टैक्‍स देना होगा. मान लीजिए कि आपको कई कॉमर्शियल प्रॉपर्टी गिफ्ट करता है तो आपको इस प्रॉपर्टी के रेंट से होने वाली इनकम पर टैक्‍स देना होगा.

अगर आपको किसी रिश्तेदार से संपत्ति बतौर गिफ्ट मिली है तो पहली बार आपको उसे बेचते वक्त टैक्स चुकाना होगा. इसकी लागत उसी रूप में ली जाएगी, जिसका प्रॉपर्टी के पिछले मालिकों ने भुगतान किया था.

मुनाफे को शॉर्ट-टर्म माना जाए या लॉन्ग-टर्म, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी होल्डिंग पीरियड की कुल अवधि के साथ-साथ पिछले मालिक जिसने असल में भुगतान किया था, वह 36 महीने से ज्यादा है या नहीं.

Published - June 23, 2021, 11:30 IST