सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. नौकरी के दौरान अवकाश के एवज में मिलने वाली नकद राशि पर टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया है. अभी तक गैर सरकारी कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट यानी छुट्टियों के एवज में मिलने वाली नकद राशि पर टैक्स छूट की सीमा तीन लाख रुपए थी.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि गैर सरकारी कर्मचारियों को अवकाश नकदीकरण के एवज में मिलने वाली अधिकतम 25 लाख रुपए की राशि पर टैक्स छूट की व्यवस्था एक अप्रैल, 2023 से लागू होगी. जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है या फिर रिटायर होता है तो उसे छुट्टियों के एवज में मिली 25 लाख रुपए तक की धनराशि पर टैक्स नहीं देना होगा. ऐसे में अब आप नौकरी बदलने या रिटायर्मेंट की सोच रहे हैं तो आपके लिए फायदा हो सकता है.
बजट में हुई थी घोषणा
बजट 2023 के दौरान वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए लीव इनकैशमेंट के लिए टैक्स छूट को तीन लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए तक करने का प्रस्ताव दिया था. अब गुरुवार को प्रस्ताव की मंजूरी को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया. यह फैसला 1 अप्रैल 2023 लागू माना जाएगा. इसका फायदा वित्त वर्ष 2023-24 से लिया जा सकता है. सरकारी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए छुट्टियों के एवज में मिलने वाला पूरा पैसा टैक्स फ्री होता है.
लीव कैशमेंट क्या है?
प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारी को हर साल कुछ ऐसी लीव देती हैं जिनका उपयोग न करने पर उन्हें कैश करा सकते हैं. इन छुट्टियों को जोड़ा भी जा सकता है. नौकरी के दौरान अगर आप अपनी छुट्टियां बचा कर रखते हैं तो इसके बदले नौकरी बदलने अथवा रिटायरमेंट के समय इन छुट्टियों के बदले पैसे मिलते हैं जिसे लीव इनकैशमेंट कहते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि सरकार के नए नियम के तहत निजी क्षेत्र का कोई कर्मचारी अब एक या अधिक कंपनियों में सेवा के दौरान कुल 25 लाख रुपए तक का लाभ छुट्टियों के नकदीकरण से लेता है तो यह रकम पूरी तरह टैक्स फ्री होगी. हालांकि निजी क्षेत्र की कंपनियों में इस तरह की छुट्टियों की की संख्या बहुत ही सीमित होती है. सरकार के टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने का फायदा उन्हीं चुनिंदा लोगों को मिलेगा जो शीर्ष पदों पर बैठे हैं और उनकी मोटी सैलरी है.