ऑनलाइन गेमिंग पर अब 28% GST लगने वाली है. इस सिलसिले में सरकार ने अधिसूचना भी जारी की है, जिसके तहत यह नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा. हालांकि कुछ राज्य सरकारों ने अभी तक इस पर कोई कानून पारित नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार केंद्र शेष राज्यों पर आवश्यक कानून को मंजूरी देने के लिए दबाव डाल रहा है.
शुक्रवार देर शाम जारी एक विस्तृत अधिसूचना में नए नियम के लागू होने की तारीख और प्रक्रिया के बारे में बताया गया है. जिसमें जीएसटी के तहत विभिन्न रिटर्न फॉर्म में बदलावों का भी विवरण दिया गया है. इसके तहत भारत के बाहर स्थित यानी ऑफशोर और मीडिएटरों के जरिए सेवाएं प्रदान करने वाली सभी गेमिंग कंपनियों को खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा और स्रोत पर टैक्स का भुगतान करना होगा. इसके अलावा उन्हें उपयोगकर्ताओं का डेटाबेस रखना भी जरूरी होगा.
हालांकि ऑनलाइन गेमिंग उद्योग अपने इंटरनल आईटी सिस्टम को नई व्यवस्था के लिए तैयार करने के लिए कुछ समय तक नियम को टालने के लिए सरकार से पैरवी कर रहा था. मगर सरकार के अनुसार नई व्यवस्था को स्थगित नहीं किया जाएगा. इसे पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार लागू किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि उन सभी राज्यों ने जहां गेमिंग कंपनियां स्थित हैं, वहां कानून पारित कर दिया है. अन्य राज्य भी कुछ दिनों में इसे अमल में ले आएंगे. वे सप्ताहांत या अगले कुछ दिनों में अध्यादेश जारी कर सकते हैं.
जीएसटी परिषद ने लिया था फैसला
अप्रत्यक्ष कर के लिए शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था, जीएसटी परिषद ने 11 जुलाई को कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ में लगाए गए दांव के अंकित मूल्य पर 28% कर लगाने का फैसला लिया था.लेवी के विवरण को पुख्ता करने के लिए 2 अगस्त को बैठक भी बुलाई गई थी. तभी परिषद ने इसे 1 अक्टूबर से लागू करने का निर्णय लिया था. नई व्यवस्था के तहत ऑफशोर गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में पंजीकरण करना अनिवार्य होगा. जीएसटी अधिकारियों ने पहले ही कई गेमिंग कंपनियों को लगभग 55,000 करोड़ रुपए के कर का दावा करते हुए कर नोटिस भेजा है.