आप भी इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फॉर्म का इंतजार कर रहे थे. इंतजार की घड़ी अब खत्म हुई आयकर विभाग ने ऑनलाइन फॉर्म मुहैया करा दिए हैं. ई-फाइ लिंग पोर्टल पर जाकर असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए रिटर्न फाइल किया जा सकता है. ITR फॉर्म प्री-फिल्ड डिटेल यानी पहले से भरी जानकारी के साथ आते हैं.
किसके के लिए जरूरी? पुरानी कर व्यवस्था में, ऐसे व्यक्ति जिनकी उम्र 60 साल तक है और ग्रॉस इनकम 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है, उनके लिए ITR भरना जरूरी है. वहीं, सीनियर सिटीजन यानी 60 साल से ऊपर के लोगों की तीन लाख से ज्यादा और सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष के ऊपर) की 5 लाख रुपए से ज्यादा की कमाई होने पर रिटर्न भरना होता है. वित्त वर्ष 2023-24 से नई कर व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा 3 लाख रुपए हो गई है.
वित्त वर्ष के दौरान 1 लाख रुपए से ज्यादा का बिजली बिल भरने, विदेश घूमने पर 2 लाख से ज्यादा खर्च करने या करंट अकाउंट में एक करोड़ से ज्यादा जमा करने पर भी रिटर्न फाइल करना होगा. भले ही आपकी कमाई आयकर छूट की सीमा से कम हो. कारोबारी बिक्री 60 लाख से अधिक होने और किसी पेशे से 10 लाख रुपए से ज्यादा आने पर ITR भरना होगा. 25,000 रुपए से ज्यादा की टैक्स यानी TDS/TCS कटौती पर भी रिटर्न फाइल करना होगा. सीनियर सिटीजन के मामले में यह लिमिट 50 हजार रुपए से ज्यादा पर है.
ई-फाइलिंग पोर्टल (eportal.incometax.gov.in) पर लॉग-इन करके असेसमेंट ईयर 2023-24 चुनने के बाद आपको प्री-फिल्ड डेटा यानी पहले से भरी जानकारी दिखेगी. ऑनलाइन फॉर्म में पहले से दी गई जानकारी का मिलान आपको फॉर्म-16, एनुअल इंफोर्मेशन स्टेटमेंट यानी AIS या फॉर्म-26AS से करना होगा. सैलरीड व्यक्ति को एम्प्लॉयर यानी कंपनी से फॉर्म-16 मिलता है. इसमें सैलरी और उस पर कटे टैक्स यानी TDS की जानकारी होती है. फॉर्म-16 एक TDS सर्टिफिकेट है. इसी तरह, एम्प्लॉयर के अलावा कोई संस्था या व्यक्ति टैक्स काटते हैं तो वहां से भी आपको TDS सर्टिफिकेट मिलता है.
टैक्स एंड इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन बताते हैं कि नियोक्ता 15 जून तक फॉर्म-16 उपलब्ध करा देते हैं. अगर आपको फॉर्म-16 नहीं मिलता है तो एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) की मदद से ITR फाइल कर सकते हैं. चूंकि सैलरी और TDS से जुड़ी सारी जानकारी AIS में मौजूद हैं.
AIS में मिलेगा लेनदेन का ब्योरा रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आयकर विभाग ने एनुअल इंफोर्मेशन स्टेटमेंट यानी AIS की सुविधा दी है. इसमें टैक्सपेयर को सालभर में किए हर लेनदेन की जानकारी मिलेगी. इसमें आय, खर्च, निवेश, डिविडेंड, टीडीएस, शेयर, म्यूचुअल फंड, किराए, ब्याज, संपत्ति की खरीद-बिक्री समेत 46 तरह के लेनदेन शामिल हैं. आयकर विभाग की वेबसाइट से AIS डाउनलोड कर सकते हैं. टैक्सपेयर्स की सहूलियत के लिए प्ले स्टोर पर AIS ऐप भी मौजूद है.
रिटर्न भरते वक्त क्या सावधानियां बरतें किसी भी दिक्कत से बचने के लिए सही ITR फॉर्म चुनना जरूरी है. अपनी सोर्स ऑफ इनकम के हिसाब से ITR फॉर्म चुनें. सैलरी के अलावा किराए, ब्याज, कैपिटल गेन या कोई और आय है, तो उसे रिटर्न में जरूर दिखाएं. अगर आपकी कमाई टैक्स के दायरे में आती है तो रिटर्न जरूर भरें. प्री-फील्ड डिटेल्स का मिलान ध्यान से करें. भरे हुए और जमा हुए TDS में फर्क होने पर परेशानी हो सकती है.
बलवंत जैन बताते हैं कि रिटर्न भरते वक्त अगर आपने कोई गलती की है तो 31 दिसंबर तक ITR रिवाइज कर सकते हैं. हालांकि, अगर आपने जानबूझकर या अनजाने में कम कमाई दिखाई है, तो आयकर विभाग टैक्स देनदारी का 50 फीसदी जुर्माना लगा सकता है. जानबूझ कर गड़बड़ी के मामले में यह जुर्माना 200 फीसदी तक हो सकता है. इसके अलावा, आईटीआर में गलत जानकारी देने पर मुकदमा और जेल तक हो सकती है.
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