टैक्स बचाने के चक्कर में कहीं पैसे 'लॉक' न हों जाएं! आप भी तो नहीं कर रहे हैं ये गलती

Lock in Period- कुछ फिक्सड इनकम इंवेस्टमेंट समय से पहले पैसे निकालने देते हैं लेकिन शर्तों के साथ. इसलिए निवेश से पहले लॉक-इन पीरियड समझें.

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टैक्स बचाने वाले इवेस्टमेंट टैक्स बचाने के साथ निवेश पर रिटर्न भी देते हैं. लेकिन, ध्यान रहे टैक्स बचाने वाले सभी इंवेस्टमेंट मैंडेटरी लॉक-इन (Lock in period) के साथ आते हैं. आप अपने पैसों को एक निर्धारित समय के पहले निकाल नहीं पाएंगे. वैसे कुछ फिक्सड इनकम इंवेस्टमेंट समय से पहले (pre-mature) पैसे निकालने देते हैं लेकिन शर्तों के साथ. इसलिए निवेश करने के पहले लॉक-इन पीरियड (Lock in period) को समझ लें.

5 टैक्स सेविंग निवेश और इनका लॉक-इन

– टैक्स सेविंग फिक्सड डिपॉज़िट
टैक्स सेविंग FD में 5 या 10 साल का लॉक इन होता है. फिलहाल, 5 से 7 % का ब्याज इन FD में मिल रहा है. अलग-अलग बैंक अपना ब्याज तय करते हैं. लॉक इन (Lock in period) को लेकर टैक्स सेविंग FD के नियम कड़े हैं. इसमें प्री-मैच्योर विड्रॉल का विकल्प मिलता ही नहीं है. भले ही आप एक साल के बाद इसमें पैसा जमा करने में असमर्थ हों लेकिन जो भी पैसा जमा होगा वो पांच साल या दस साल बाद ही मिलेगा. टैक्स सेविंग FD में किए जाने वाले निवेश पर सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए की छूट मिलती है लेकिन इस पर मिलने वाले इंटरेस्ट पर बैंक TDS काटते हैं.

– पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( PPF)
टैक्स बचाने के लिए PPF सबसे पसंदीदा निवेश रहा है. इसमें अभी 7.10% का ब्याज मिल रहा है. PPF में निवेश 15 साल के लिए लॉक-इन रहता है. लेकिन, शर्तों के साथ PPF से मैच्योरिटी के पहले पैसे निकाल जा सकते हैं. PPF के छठे साल से आप चौथे साल के बैलेंस का 50% पैसा निकाल पाएंगे. 1 % की दर से आप PPF पर लोन भी ले सकते हैं. PPF टैक्स के मामले में एग्ज़ेंप्ट, एग्ज़ेंप्ट ,एग्ज़ेंप्ट (EEE) कैटेगरी में आता है यानि आपकी जमा राशि, ब्याज और विड्रॉल सभी कर मुक्त हैं.

– नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
ये पेंशन प्लस इंवेस्टमेंट स्कीम है. इसमें आप जब तक 60 साल के नहीं हो जाते पैसे निकालने की इजाज़त नहीं है और 60 साल के होने के बाद भी जमा राशि का 60% ही निकाल पाएंगे बाकि 40% से पेंशन प्लान खरीदना अनिवार्य है जो आपको पेंशन का पे-आउट देगा. टैक्स के मामले में सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट और सेक्शन 80 CCD के ज़रिए 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट मिलती है.

– नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)
पोस्ट ऑफिस से NSC लिया जा सकता है. इसमें निवेश की मिनिमम राशि केवल 100 रुपए की भी हो सकती है. पांच साल का अनिवार्य लॉक इन है. पांच साल से पहले पैसे तभी निकाले जा सकते हैं जब अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाती है. अगर NSC को एक साल के पहले ही क्लोज़ कर दिया जाए तो ब्याज का फायदा नहीं मिलता है. लेकिन, एक साल चलने के बाद पैसे विड्रॉल किए जाएं तो ब्याज मिलेगा.

– इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS)
ELSS फंड में 3 साल का लॉक-इन होता है. इनमें अगर SIP के तहत करेंगे तो FIFO यानि ‘फर्सट इन फर्सट आउट’ के नियम का ख्याल रहे. SIP का हर इंस्टालमेंट तीन साल में मैच्योर होता है यानि पूरी राशि 6 साल के बाद ही मैच्योर होती है. लेकिन आप चाहें तो जो पेमेंट मैच्योर होते जाएं उन्हें विड्रॉ कर सकते हैं.

Published - March 22, 2021, 08:01 IST