अगर आपने अभी तक पुरानी और नई टैक्स प्रणाली में से किसी एक का चुनाव नहीं किया है तो ये खबर आपके काम की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कंसल्टेंट (सलाहकार) और प्रोफेशनल (पेशेवर) को टैक्स रिजीम चुनने के लिए नए नियम जारी किए हैं. विभाग ने वित्त वर्ष 2023-24 से टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव कर नई टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट के रूप में रखा है. अगर आप भी पुरानी टैक्स रिजीम को अपनाना चाहते हैं तो आपको फॉर्म 10-आईईए (FORM 10IEA) अनिवार्य रूप से भरना होगा.
कंसल्टेंट और प्रोफेशनल्स के लिए नए नियम
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा है कि कंसल्टेंट, बिजनेस इनकम वाले प्रोफेशनल्स चालू वित्तीय वर्ष यानी वित्त वर्ष 2023-24 से पुरानी कर व्यवस्था को जारी रख सकते हैं. विभाग की गाइडलाइन में कहा गया है कि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बजट 2023 में नई कर व्यवस्था को एक डिफॉल्ट कर व्यवस्था के रूप में जारी रखा गया है. यानी चालू वित्त वर्ष 2023-24 में कमाई पर नई कर व्यवस्था के तहत नई आयकर स्लैब दरों पर टैक्स लगाया जाएगा. अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनना चाहते हैं तो चुन सकते हैं. सीबीडीटी ने नया फॉर्म 10-आईईए (FORM 10IEA) जारी किया है, जिसे कंसल्टेंट, प्रोफेशनल्स को भरना अनिवार्य है. दरअसल, यह फॉर्म पुरानी कर व्यवस्था को जारी रखने, टैक्स छूट और कटौती का दावा करने की अनुमति देगा.
सोच-समझ कर चुनें विकल्प
वित्त वर्ष 2023-24 से नई टैक्स रिजीम डिफॉल्ट कर व्यवस्था बन गई है. चालू वित्त वर्ष में पुरानी कर व्यवस्था को जारी रखने के कंसल्टेंट और प्रोफेशनल्स को इसे चुनना होगा. कंसल्टेंट और प्रोफेशनल्स के लिए ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर आपने एक बार पुरानी कर व्यवस्था चुन ली तो इसके बाद आपके पास नई कर व्यवस्था में स्विच करने का एक ही मौका मिलेगा. अगर कंसल्टेंट और प्रोफेशनल्स एक बार नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं तो फिर वे पुरानी कर व्यवस्था में नहीं जा पाएंगे. ऐसे में कंसल्टेंट और प्रोफेशनल्स को सोच-समझ कर ही टैक्स रिजीम चुनना चाहिए. आयकर विभाग की तरफ से जारी नियम के अनुसार, वेतनभोगी टैक्सपेयर्स अपनी पसंद के अनुसार दो टैक्स व्यवस्थाओं के बीच स्विच कर सकते हैं. लेकिन कंसल्टेंट और प्रोफेशनल्स ऐसा नहीं कर सकते हैं.