indirect tax collection: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में सरकार को अनुमान से ज्यादा कमाई होने के बाद अब अप्रत्यक्ष कर संग्रह (Indirect Tax collection) के मोर्चे पर भी सरकार को उम्मीद से ज्यादा कमाई हुई है. वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में नेट अप्रत्यक्ष कर संग्रह (Indirect Tax collection) इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 12.3 फीसदी बढ़कर 10.71 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो संशोधित अनुमान से ज्यादा है.
वित्त वर्ष 2019-20 में अप्रत्यक्ष कर संग्रह (Indirect Tax collection) 9.54 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें जीएसटी, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क शामिल हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमान (RE यानी रिवाइज्ड एस्टिमेट) में 9.89 लाख करोड़ रुपये के संग्रह का लक्ष्य तय किया गया था.
GST से मिले 5.48 लाख करोड़ रुपये
वर्ष 2020-21 में केंद्र का नेट जीएसटी कलेक्शन 5.48 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि सीमा शुल्क से सरकार को 1.32 लाख करोड़ रुपये मिले हैं.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर (बकाया) के मद में नेट टैक्स कलेक्शन 3.91 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2.45 लाख करोड़ रुपये था. इसमें 59.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.
बयान में कहा गया है, ‘‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अप्रत्यक्ष कर संग्रह (Indirect Tax collection) (जीएसटी और गैर-जीएसटी) के अस्थायी आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2019-20 के 9.54 लाख करोड़ रुपये की तुलना में नेट रेवेन्यू कलेक्शन 10.71 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो 12.3 फीसदी की ग्रोथ दिखाता है.’’
नेट अप्रत्यक्ष कर संग्रह (Indirect Tax collection) के आंकड़ों से पता चलता है कि गुजरे वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन संशोधित अनुमान के मुकाबले 108.2 फीसदी रहा है.
मंत्रालय ने कहा है कि वास्तविक जीएसटी संग्रह इसके कुल टारगेट (आरई के मुताबिक) का 106 फीसदी है, हालांकि ये इससे पिछले वित्त वर्ष (2019-20) की तुलना में 8 फीसदी कम है.
डायरेक्ट टैक्स से भी हुई जमकर कमाई
आम बजट के संशोधित अनुमानों के अनुसार, 2020-21 के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के रूप में 9.05 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया था. इस तरह टैक्स कलेक्शन संशोधित अनुमानों से 5 फीसदी ज्यादा रहा, लेकिन 2019-20 में तय किए गए लक्ष्य से 10 फीसदी कम रहा.