आयकर (Income Tax) विभाग से जुड़े विवादों को कम करने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. इसी कवायद के तहत सरकार ने ई-अपील स्कीम 2023 को अधिसूचित किया है. करदाता अब आयकर अधिकारी के कई फैसलों के खिलाफ ज्वाइंट कमिश्नर के पास ई-अपील कर पाएंगे. सरकार का उद्देश्य टैक्स से जुड़े छोटे विवादों के निपटाने में तेजी लाना है.
ई-स्कीम के तहत पीड़ित करदाता कई आदेशों के खिलाफ अब आयकर विभाग के जॉइंट कमिश्नर (अपील) के सामने अपना मामला ले जा सकता है. हालांकि, आदेश जारी करने वाला अधिकारी जॉइंट कमिश्रर से नीचे रैंक का होना चाहिए. फाइनेंस एक्ट 2023 के जरिए इनकम टैक्स एक्ट के चैप्टर XX में नया सेक्शन 246 डाला गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में करीब 100 जॉइंट कमिश्नर की तैनाती करने का प्रस्ताव किया था. इसका उद्देश्य कमिश्नर लेवल पर आने वाली अपीलों का बोझ कम करना है.
क्या होगा बदलाव?
मौजूदा व्यवस्था में पहला अपीलीय अथॉरिटी कमिश्नर ( अपील) लेवल का अधिकारी होता है. इनके पास बड़ी संख्या में मामले लम्बित पड़े हैं. हर साल यह मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. अब जॉइंट कमिश्नर उन मामलों में सुनवाई कर सकते हैं जिनमें कम रकम वाले मामले शामिल हैं. इससे लम्बित मामलों के निपटान में तेजी आएगी.
कैसे मिलेगी राहत?
ई-अपील स्कीम के तहत टैक्सपेयर ऐसे मामलों में जॉइंट कमिश्नर के पास अपील कर सकता है. जिसमें सेक्शन 143 के अधीन सूचना ( Intimation) भेजी गई थी. इसके अलावा सेक्शन 143 (3) के तहत पारित असेसमेंट ऑर्डर या सेक्शन 144 के तहत जारी बेस्ट जजमेंट असेसमेंट ऑर्डर के खिलाफ भी अपील की जा सकती है. करदाता (Appellant) और जॉइंट कमिश्नर (अपील) के बीच सारी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक रूप से की जाएगी.
Published May 31, 2023, 15:16 IST
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